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17 Feb 2023 · 1 min read

*हमें सहारा सिर्फ तुम्हारा,हे मोहन घनश्याम 【भक्ति गीत】*

*हमें सहारा सिर्फ तुम्हारा,हे मोहन घनश्याम 【भक्ति गीत】*
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
हमें सहारा सिर्फ तुम्हारा, हे मोहन घनश्याम
(1)
हम में भर दो बल ,दुर्जन से विजय प्राप्त कर पाएँ
हमें बना दो सबल कृष्ण ! ,दुष्टों को मजा चखाएँ
लिए सुदर्शन – चक्र तुम्हारा , बढ़ें सदा अविराम
(2)
जीवन में गति और ताल-लय, सुर मधुरिम छा जाए
कृष्ण ! तुम्हारी बाँसुरिया का, स्वर हम में आ जाए
जब भी मूँदें नयन ,तुम्हारा पाएँ गोकुल – धाम
(3)
जीवन – रण में कर्तव्यों की, सदा राह दिखलाना
जो उपदेश दिया अर्जुन को, हमको भी सिखलाना
कभी न भूलें हम गीता का, सतत कर्म अभिराम
हमें सहारा सिर्फ तुम्हारा, हे मोहन घनश्याम
■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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