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1 Jun 2023 · 1 min read

हमें दुख देकर खुश हुए थे आप

हमें दुख देकर खुश हुए थे आप
सारे दरवाजे बंद दिए
और ठहाके लगाकर हँसे थे आप
पर आज आपको इस हाल में देख
आपके लिए दुख जताने को जी चाहता है
खून न रिश्ता न मानते
पड़ोसी ही मान लेते हमें आप
तो आज यूँ अकेले न होते आप
क्या मिला आपको ये सब वो सब करके
आपके पास वक्त था सारे दरारों को भर लेते आप
रख लिया आपने हमारे हिस्से की दौलत
छीन ली आपने हमसे जमीनें पर
इंसान की आखिरी मंजिल श्मशान है
क्या इस बात को भूल गए थे आप

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