हमें अब राम के पदचिन्ह पर चलकर दिखाना है

हमें अब राम के पदचिन्ह पर चलकर दिखाना है
विदा कलयुग को करना है पुनः सतयुग को लाना है
वचन मन कर्म से करना हमें अब धर्म का पालन
हमारे आचरण से हो सुवासित सिद्ध ये जीवन
सिखाने गुण यहाँ जन जन को ममता धैर्य सेवा के
वही फिर पाठ मानवता का अब खुद को पढ़ाना है
विदा कलयुग को करना है पुनः सतयुग को लाना है
हमें अब राम के जैसे बनाने पुत्र संस्कारी
हमें अब जानकी जैसी बनानी है सुता प्यारी
भुलाकर कष्ट जो अपने करें कर्तव्य का पालन
हमें परिवार का सबको सही मतलब बताना है
विदा कलयुग को करना है पुनः सतयुग को लाना है
बना आदर्श लेंगे अपना अब श्री राम जी को हम
मिटाकर हर बुराई को जगत से लेंगे तब ही दम
कहा है जो वही करके दिखाना अब हमें होगा
हमें श्रीराम बनना है न केवल गान गाना है
विदा कलयुग को करना है पुनः सतयुग को लाना है
घरों में नित पढ़ी जाएगी गीता और रामायण
मिटेगी आसुरी ताकत कटेगा चैन से जीवन
न होगा बैर बस दिल से बहेगी प्रेम की गंगा
सुखी फिर राम का वो राज्य वापस ले के आना है
विदा कलयुग को करना है पुनः सतयुग को लाना है
10-04-2022
डॉ अर्चना गुप्ता
10-04-2022
डॉ अर्चना गुप्ता