“हमारी यारी वही है पुरानी”

मिलन मुलाक़ात होती है खास
कई दिन कई महीनो के बाद
अचानक से मिले जो अपने यार
फिर… क्या कहेना होती हैं जी भरके बात…!!
कितनी यादों की सरगम आँखों के सामने
हो जाती है तरोताज़ा…!!
उमंग की कई रंगीनियाँ
मन आँगन में खिलाये उल्लास की कई कलियाँ..!!
रहरहकर सारी बातें दोहराई जाती….
वक्त कब कैसे कितना गुजर गया क्या पता
यारों की यारी में कुछ भी नहीं याद रहता…!!
कितने हसीन थे वो लम्हे क्यों… चले गए यारा
समय संजोग परिस्थितियाँ सब बदल गया…!..!..!
यारों.. हम भी बिछड़ गए…!..!..!
पर.. हां गम नहीं सब कुछ बदला भले यारा
लेकिन…. हमारी यारी वही है पुरानी
हैं बेहद खुशी…. यारों हमें इस बात की ….!!!!