Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Nov 2021 · 1 min read

स्वादिष्ट खीर

देर रात तक चांँदनी में,
मांँ ने जब खीर बनाई,

चावल और दूध से भरपूर,
खोया शक्कर से स्वाद बढ़ाए,

मेवा ऊपर से मिश्रण करके,
खीर बड़ी अच्छे से सजाई,

मीठा स्वादिष्ट खीर खाने को ,
सुबह सभी के मुंह में पानी आए ,

ठंडी ठंडी खीर लेने को ,
मांँ जब रसोई के अंदर गई ,

खाली दिखा खीर का बर्तन ,
मौका पर बिल्ली चट कर गई,

सब बैठे रह गए इंतजार मेंं,
कोई न जाना माँ की खीर का स्वाद ।

रचनाकार,
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर ।

4 Likes · 2 Comments · 537 Views

Books from Buddha Prakash

You may also like:
【30】*!* गैया मैया कृष्ण कन्हैया *!*
【30】*!* गैया मैया कृष्ण कन्हैया *!*
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
मैथिली भाषा/साहित्यमे समस्या आ समाधान
मैथिली भाषा/साहित्यमे समस्या आ समाधान
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
ज़िंदा लाल
ज़िंदा लाल
Shekhar Chandra Mitra
क्या ग़रीबी भी
क्या ग़रीबी भी
Dr fauzia Naseem shad
सलाम
सलाम
Shriyansh Gupta
“ अपने जन्म दिनों पर मौन प्रतिक्रिया ?..फिर अरण्यरोदन क्यों ?”
“ अपने जन्म दिनों पर मौन प्रतिक्रिया ?..फिर अरण्यरोदन क्यों...
DrLakshman Jha Parimal
स्वार्थ
स्वार्थ
Sushil chauhan
आशिक रोना चाहता है ------------
आशिक रोना चाहता है ------------
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
एक थी कोयल
एक थी कोयल
Satish Srijan
🚩 वैराग्य
🚩 वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
श्याम सिंह बिष्ट
एक पेड़ का दर्द
एक पेड़ का दर्द
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ख़ामुश हुई ख़्वाहिशें - नज़्म
ख़ामुश हुई ख़्वाहिशें - नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
Wishing power and expectation
Wishing power and expectation
Ankita Patel
बादलों ने ज्यों लिया है
बादलों ने ज्यों लिया है
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
💐वास्तविक चिन्ता किम्?💐
💐वास्तविक चिन्ता किम्?💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
नवगीत
नवगीत
Sushila Joshi
अध्यात्म ज्योति जुलाई - दिसंबर 2021
अध्यात्म ज्योति जुलाई - दिसंबर 2021
Ravi Prakash
■ सब त्रिकालदर्शी
■ सब त्रिकालदर्शी
*Author प्रणय प्रभात*
बेटियां
बेटियां
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
✍️कुछ बाते…
✍️कुछ बाते…
'अशांत' शेखर
एक नेता
एक नेता
पंकज कुमार कर्ण
कर्तव्यपथ
कर्तव्यपथ
जगदीश शर्मा सहज
याद आते हैं वो
याद आते हैं वो
रोहताश वर्मा मुसाफिर
देखकर सूरत खूबसूरत
देखकर सूरत खूबसूरत
gurudeenverma198
बिखरा था बस..
बिखरा था बस..
Vijay kumar Pandey
मैं आंसू बहाता रहा,
मैं आंसू बहाता रहा,
अनिल अहिरवार"अबीर"
एक ठहरा ये जमाना
एक ठहरा ये जमाना
Varun Singh Gautam
"यादें"
Dr. Kishan tandon kranti
दिवाली शुभ होवे
दिवाली शुभ होवे
Vindhya Prakash Mishra
Loading...