बात बहुत सटीक है। आजकल का प्रेम विफल होने का एक मुख्य कारण य
हरे खेत खलिहान जहां पर, अब दिखते हैं बंजर,
वो सुनाते थे मोहब्बत की कहानी मुझको।
न बीत गई ना बात गई
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
ज़िंदगी किसे अच्छी नहीं लगती ?
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
उपमान (दृृढ़पद ) छंद - 23 मात्रा , ( 13- 10) पदांत चौकल
यह जो कानो में खिचड़ी पकाते हो,
शिवाजी गुरु स्वामी समर्थ रामदास – भाग-01
कई बचपन की साँसें - बंद है गुब्बारों में