Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jan 2023 · 1 min read

*सौ साल दुनिया में बिताना, एक टेढ़ी खीर है(हिंदी गजल/ गीतिका)*

*सौ साल दुनिया में बिताना, एक टेढ़ी खीर है(हिंदी गजल/ गीतिका)*
_________________________
1
सौ साल दुनिया में बिताना, एक टेढ़ी खीर है
दुनियादारी को निभाना एक टेढ़ी खीर है
2
रिश्वतों के आज भी मुझको कई ऑफर मिले
ईमानदारी से कमाना, एक टेढ़ी खीर है
3
खुल गए शोरूम जब से, हर तरफ बाजार में
छोटी दुकानों को चलाना, एक टेढ़ी खीर है
4
भाग्य से पुरखों का हम‌को घर विरासत में मिला
वरना अपना घर बनाना एक टेढी़ खीर है
5
शादियों के जश्न हमने किस वजह से कम किए
रिश्तेदारों को बताना एक टेढ़ी खीर है
6
होटलों में दाम महॅंगे हो गए,पर – प्लेट” के
सबको दावत में बुलाना एक टेढ़ी खीर है
7
ध्यान की दौलत हमें, दे दी गुरू महाराज ने
वरना खुद से इसको पाना एक टेढ़ी खीर है
—————————————

*रचयिताः रवि प्रकाश*
बाजार सर्राफा, रामपुर (उ.प्र.) मोबाइल 9997615451

47 Views
Join our official announcements group on Whatsapp & get all the major updates from Sahityapedia directly on Whatsapp.

Books from Ravi Prakash

You may also like:
*तपसी वेश सिया का पाया (कुछ चौपाइयॉं)*
*तपसी वेश सिया का पाया (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
फागुनी है हवा
फागुनी है हवा
surenderpal vaidya
उपमान (दृृढ़पद ) छंद - 23 मात्रा , ( 13- 10) पदांत चौकल
उपमान (दृृढ़पद ) छंद - 23 मात्रा , ( 13- 10) पदांत चौकल
Subhash Singhai
वार्तालाप अगर चांदी है
वार्तालाप अगर चांदी है
Pankaj Sen
मुझे लगता था
मुझे लगता था
ruby kumari
वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती,
वो घर घर नहीं होते जहां दीवार-ओ-दर नहीं होती,
डी. के. निवातिया
मुझें ना दोष दे ,तेरी सादगी का ये जादु
मुझें ना दोष दे ,तेरी सादगी का ये जादु
Sonu sugandh
प्रेम ईश्वर प्रेम अल्लाह
प्रेम ईश्वर प्रेम अल्लाह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कितने कोमे जिंदगी ! ले अब पूर्ण विराम।
कितने कोमे जिंदगी ! ले अब पूर्ण विराम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कई तो इतना भरे बैठे हैं कि
कई तो इतना भरे बैठे हैं कि
*Author प्रणय प्रभात*
दोस्ती देने लगे जब भी फ़रेब..
दोस्ती देने लगे जब भी फ़रेब..
अश्क चिरैयाकोटी
चराग बुझते ही.....
चराग बुझते ही.....
Vijay kumar Pandey
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
कुछ मन्नतें पूरी होने तक वफ़ादार रहना ऐ ज़िन्दगी.
पूर्वार्थ
बीड़ी की बास
बीड़ी की बास
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
बुद्ध बुद्धत्व कहलाते है।
बुद्ध बुद्धत्व कहलाते है।
Buddha Prakash
“ कितने तुम अब बौने बनोगे ?”
“ कितने तुम अब बौने बनोगे ?”
DrLakshman Jha Parimal
इतना हल्का लगा फायदा..,
इतना हल्का लगा फायदा..,
कवि दीपक बवेजा
"वाह रे जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
विचार
विचार
Shyam Pandey
दुनिया का क्या दस्तूर बनाया, मरे तो हि अच्छा बतलाया
दुनिया का क्या दस्तूर बनाया, मरे तो हि अच्छा बतलाया
Anil chobisa
💐 Prodigy Love-4💐
💐 Prodigy Love-4💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
याद आती है
याद आती है
Er Sanjay Shrivastava
ना छीनो जिंदगी से जिंदगी को
ना छीनो जिंदगी से जिंदगी को
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
हम स्वान नहीं इंसान हैं!
हम स्वान नहीं इंसान हैं!
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
गुरु श्रेष्ठ
गुरु श्रेष्ठ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
कौन सोचता है
कौन सोचता है
Surinder blackpen
मुझे तुझसे महब्बत है, मगर मैं कह नहीं सकता
मुझे तुझसे महब्बत है, मगर मैं कह नहीं सकता
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
पीड़ा की मूकता को
पीड़ा की मूकता को
Dr fauzia Naseem shad
दूसरे दर्जे का आदमी
दूसरे दर्जे का आदमी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मंदिर जाना चाहिए
मंदिर जाना चाहिए
जगदीश लववंशी
Loading...