“सौन्दर्य”

“सौन्दर्य”
गठीला बदन, तनी त्वचा
चमकदार चेहरे
महज चार दिन के मेहमान,
विचारों की सुन्दरता ही
रहती सदा जवान।
आज कमजोर हो चले हैं
काँच से भी ज्यादा
इस जमाने में ऐतबार,
हर मोड़ पर सज गए जो
रूप-दौलत के बाजार।
“सौन्दर्य”
गठीला बदन, तनी त्वचा
चमकदार चेहरे
महज चार दिन के मेहमान,
विचारों की सुन्दरता ही
रहती सदा जवान।
आज कमजोर हो चले हैं
काँच से भी ज्यादा
इस जमाने में ऐतबार,
हर मोड़ पर सज गए जो
रूप-दौलत के बाजार।