सोचता रहता है वह

सोचता रहता है वह,
हरवक्त उनके बारे में,
जिनको कहता है वह,
अपना मित्र,पड़ौसी।
वह घर, जहाँ वह रहता है,
जहाँ वह कभी रहता था,
वह स्थान, जहाँ दिल लगता है,
जिनको वह मान लेता है अपना,
सोचता रहता है इनके बारे में।
ऐसे ही खुश और सुखी रहे,
ऐसे ही हमेशा आबाद रहे,
और चाहता है इसके बदले में,
इनका प्यार, विश्वास, सम्मान।
ना नींद उसकी आँखों में है,
ना चैन उसके दिल में है,
खोया रहता है हमेशा वह,
उसकी खुशी के सपनों में,
जिसको मानता है अपना,
हमराह ,हमसफर और हमदम।
बनाता है वह उसकी भी तस्वीर,
सींचता है रोज उसके चमन को,
माँगता है मिन्नतें वह ईश्वर से,
और करता है उस पर गर्व बहुत,
जिस वतन में रहता है वह,
उसके चैनो- हिफाजत के बारे में,
सोचता रहता है वह हमेशा।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847