Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2016 · 1 min read

सैनिको की सहादत को सलाम—-डी. के. निवातिया

सैनिको की सहादत को सलाम…………..

धरती माता को लगे आघात, आसमान भी रोने लगता है
जब जलती चिताये वीरो की सूरज भी पिंघलने लगता है !!

नमन ऐसे वीरो की जाँबाजी के सजदे में सर झुकता है,
हो गौरान्वित बहनो का भी मन कांधा देने को करता है !!

सूख जाता है आँखों का सागर ,तनमन पत्थर सा हो जाता है
करे विलाप या शहादत को नमन, जिसका लाल खो जाता है !!

देश की आन बचाने को जो अपनी जान से मर मिट जाता है
माँ – बाप और बीवी बच्चो को, रोता बिलखता छोड़ जाता है !!

कल भरी थी मांग सिंदूरी, उसके हाथो की महेंदी अभी ताज़ा है
सजने संवरने की आयु में उसे विधवा का चोला ओढ़ा जाता है !!

इंसान नही देव तुल्य है वो, जो मातृ भूमि पर मर मिटते है
देते गमो का भार घरवालो को, देश का नाम रोशन करते है !!

–::–डी. के. निवातिया–::–

Language: Hindi
419 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from डी. के. निवातिया
View all
You may also like:
जिंदगी
जिंदगी
Madhavi Srivastava
My Expressions
My Expressions
Shyam Sundar Subramanian
मैं  नहीं   हो  सका,   आपका  आदतन
मैं नहीं हो सका, आपका आदतन
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जीवन व्यर्थ नही है
जीवन व्यर्थ नही है
अनूप अम्बर
कस्ती धीरे-धीरे चल रही है
कस्ती धीरे-धीरे चल रही है
कवि दीपक बवेजा
- दिल का दर्द किसे करे बयां -
- दिल का दर्द किसे करे बयां -
bharat gehlot
***
*** " कभी-कभी...! " ***
VEDANTA PATEL
अपने अच्छे कर्मों से अपने व्यक्तित्व को हम इतना निखार लें कि
अपने अच्छे कर्मों से अपने व्यक्तित्व को हम इतना निखार लें कि
Paras Nath Jha
"खुशी मत मना"
Dr. Kishan tandon kranti
माँ महागौरी
माँ महागौरी
Vandana Namdev
खत उसनें खोला भी नहीं
खत उसनें खोला भी नहीं
Sonu sugandh
आज की तारीख़ में
आज की तारीख़ में
*Author प्रणय प्रभात*
ग़ज़ल -
ग़ज़ल -
Mahendra Narayan
मातृदिवस
मातृदिवस
Dr Archana Gupta
भोले शंकर ।
भोले शंकर ।
Anil Mishra Prahari
!! चमन का सिपाही !!
!! चमन का सिपाही !!
Chunnu Lal Gupta
आज फिर इन आँखों में आँसू क्यों हैं
आज फिर इन आँखों में आँसू क्यों हैं
VINOD KUMAR CHAUHAN
आकलन करने को चाहिए सही तंत्र
आकलन करने को चाहिए सही तंत्र
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बेटी-पिता का रिश्ता
बेटी-पिता का रिश्ता
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
चातक तो कहता रहा, बस अम्बर से आस।
चातक तो कहता रहा, बस अम्बर से आस।
सूर्यकांत द्विवेदी
दिल हमारा।
दिल हमारा।
Taj Mohammad
जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
जब बातेंं कम हो जाती है अपनों की,
Dr. Man Mohan Krishna
लाल फूल गवाह है
लाल फूल गवाह है
Surinder blackpen
मत जहर हवा में घोल रे
मत जहर हवा में घोल रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
खूबसूरत, वो अहसास है,
खूबसूरत, वो अहसास है,
Dhriti Mishra
*नभ में सबसे उच्च तिरंगा, भारत का फहराऍंगे (देशभक्ति गीत)*
*नभ में सबसे उच्च तिरंगा, भारत का फहराऍंगे (देशभक्ति गीत)*
Ravi Prakash
💐💐नेक्स्ट जेनरेशन💐💐
💐💐नेक्स्ट जेनरेशन💐💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
लिपि सभक उद्भव आओर विकास
लिपि सभक उद्भव आओर विकास
श्रीहर्ष आचार्य
पाखंडी मानव
पाखंडी मानव
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...