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26 Dec 2022 · 1 min read

सूर्य राजा (कुंडलिया)*

सूर्य राजा (कुंडलिया)*
_______________
जागा सूरज खिल उठी ,मीठी – मीठी धूप
पलकों के पट ज्यों खुले ,दिखता शुभ्रा रूप
दिखता शुभ्रा रूप , कोहरा अब कब छाया
बिखरा था संगीत , गीत धरती ने गाया
कहते रवि कविराय ,चोर जाड़ा कह भागा
होकर अश्व सवार , सूर्य राजा है जागा
__________________
*रचयिता : रवि प्रकाश* ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
_____________
*पट =* पर्दा , किवाड़ का पल्ला ,वस्त्र

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