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14 Sep 2016 · 1 min read

सूरत से सीरत भली सब से मीठा बोल— दोहे

सूरत से सीरत भली सब से मीठा बोल

कहमे से पहले मगर शब्दों मे रस घोल

रिश्ते नातों को छोड कर चलता बना विदेश

डालर देख ललक बढी फिर भूला अपना देश

खुशी गमी तकदीर की भोगे खुद किरदार

बुरे वक्त मे हों नही साथी रिश्तेदार

हैं संयोग वियोग सब किस्मत के ही हाथ

जितना उसने लिख दिया उतना मिलता साथ

कोयल विरहन गा रही दर्द भरे से गीत

खुशी मनाऊँ आज क्या दूर गये मन मीत

बिन आत्म सम्मान के जीना गया फिज़ूल

उस जीवन को क्या कहें जिसमे नहीं उसूल

Language: Hindi
1 Like · 2924 Views
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