Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2023 · 1 min read

सूरज का टुकड़ा…

अपनी तलाश में, बिछड़ा सूरज का टुकड़ा है,
घोर घाम से लोहा लेने को अलबेला अड़ा है।

ओस की बूंद “सारा” राहत देती अपनों को,
धूप में जब इंद्रधनुष सी चमकती है।

टूट कर गिरी थी कभी आसमान से,
अपनों के लिए बनी वही ज़मीं का सितारा है।

करती जद्दोजहद दिन-रात फिर भी,
स्वस्तिक दीपक वह माँ-बाप की है।

चूल्हा फूंकते आँखे जल उठती है उसकी,
जब हांडी चावल पकाने को चढ़ाती है।

दो-दो हाथ करती है जिंदगी के थपेड़ों से,
वह किताबों से जीवन का संघर्ष सीखती है।

जिंदगी है संगीत राहें मुश्किल सरगम सी,
धुन अपनी तैयार कर राहें अपनी चुनती है।

क्योंकि…वह

अपनी तलाश में, बिछड़ा सूरज का टुकड़ा है,
घोर घाम से लोहा लेने को अलबेला अड़ा है

संतोष सोनी “तोषी”
जोधपुर ( राज.)

1 Like · 109 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
You may also like:
अनघड़ व्यंग
अनघड़ व्यंग
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*अज्ञानी की कलम शूल_पर_गीत
*अज्ञानी की कलम शूल_पर_गीत
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
जो होता है आज ही होता है
जो होता है आज ही होता है
लक्ष्मी सिंह
बहुत कुछ था कहने को भीतर मेरे
बहुत कुछ था कहने को भीतर मेरे
श्याम सिंह बिष्ट
*पॉंव जमाना पड़ता है (मुक्तक)*
*पॉंव जमाना पड़ता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
■ मुक्तक / दुर्भाग्यपूर्ण दृश्य
■ मुक्तक / दुर्भाग्यपूर्ण दृश्य
*Author प्रणय प्रभात*
कैसे कह दूं
कैसे कह दूं
Satish Srijan
💐प्रेम कौतुक-467💐
💐प्रेम कौतुक-467💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
غزل
غزل
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
चाहने लग गए है लोग मुझको भी थोड़ा थोड़ा,
चाहने लग गए है लोग मुझको भी थोड़ा थोड़ा,
Vishal babu (vishu)
छठ महापर्व
छठ महापर्व
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मदहोश रहे सदा।
मदहोश रहे सदा।
Taj Mohammad
श्रेष्ठों को ना
श्रेष्ठों को ना
DrLakshman Jha Parimal
-- क्लेश तब और अब -
-- क्लेश तब और अब -
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
दिल को खुशी
दिल को खुशी
shabina. Naaz
विश्वास
विश्वास
Paras Nath Jha
लाला अमरनाथ
लाला अमरनाथ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बालू का पसीना
बालू का पसीना "
Dr Meenu Poonia
पागल तो मैं ही हूँ
पागल तो मैं ही हूँ
gurudeenverma198
जिंदगी की फितरत
जिंदगी की फितरत
Amit Pathak
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
धर्म ज्योतिष वास्तु अंतराष्ट्रीय सम्मेलन
धर्म ज्योतिष वास्तु अंतराष्ट्रीय सम्मेलन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mukesh Pandey
ख्वाइश है …पार्ट -१
ख्वाइश है …पार्ट -१
Vivek Mishra
जाड़े की दस्तक को सुनकर
जाड़े की दस्तक को सुनकर
Dr Archana Gupta
कोरोना काल मौत का द्वार
कोरोना काल मौत का द्वार
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*
*"शिव आराधना"*
Shashi kala vyas
बातें
बातें
Sanjay ' शून्य'
पिता पर एक गजल लिखने का प्रयास
पिता पर एक गजल लिखने का प्रयास
Ram Krishan Rastogi
Badalo ki chirti hui meri khahish
Badalo ki chirti hui meri khahish
Sakshi Tripathi
Loading...