रोशन है अगर जिंदगी सब पास होते हैं
आप सभी साथियों को विजय दसवीं पर्व की ह्रदय तल से शुभकामनाएं
यही चाहूँ तुमसे, मोरी छठ मैया
वो एक एहसास
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
तुझे याद करता हूँ क्या तुम भी मुझे याद करती हो
आपस में अब द्वंद है, मिलते नहीं स्वभाव।
जो सरकार धर्म और जाति को लेकर बनी हो मंदिर और मस्जिद की बात
आस भरी आँखें , रोज की तरह ही
Kavi Shankarlal Dwivedi (1941-81)
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
आज कल ब्रेकअप कितनी आसानी से हो रहे है
मैं मेरी कहानी और मेरी स्टेटस सब नहीं समझ पाते और जो समझ पात
*रिश्तों मे गहरी उलझन है*