Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

सुलोचना

सुलोचना

हाय रे मेरी सुलोचना
जिसे भी देख ठीक से देखना
एक नही सौ सौ बार देखना
तुम हो मेरी सुलोचना
हाय रे मेरी …….

जो जो नही दिखता
उसे भी देखना
रहस्य से पर्दा उठा
सबके सामने परोसना
हाय रे मेरी …..

जिसे भी देखना
अनुमान से देखना
जांचना और परखना
अपने अंतर्दृष्टि से देखना
हाय रे मेरी…..
तृण से ताड़ तक
राई के पहाड़ तक
अपने ही ज्ञानचछू से देखना
हाय रे मेरी…….

जिंदगी है क्या? इसे भी देखना!
लोभ ,मोह,क्रोध को फेकना।
हर रोज मेहनत की रोटी सेकना
जिसे भी देखना
बारंम्बार देखना।
हाय रे मेरी…….
आत्मा को सुकून हो
परमात्मा को कबूल हो
क्या देखना है?ये तो देखना
बस यही देखना ,बस यही देखना।
हाय रे मेरी….

रचनाकार
संतोष कुमार मिरी
शिक्षक जिला दुर्ग

Language: Hindi
95 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

" इतिहास "
Dr. Kishan tandon kranti
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जीवन पथ
जीवन पथ
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
*चलो आओ करें बच्चों से, कुछ मुस्कान की बातें (हिंदी गजल)*
*चलो आओ करें बच्चों से, कुछ मुस्कान की बातें (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कैसे एतबार करें।
कैसे एतबार करें।
Kumar Kalhans
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shally Vij
मुझे शांति चाहिए ..
मुझे शांति चाहिए ..
ओनिका सेतिया 'अनु '
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
जिंदगी एक परीक्षा है काफी लोग.....
जिंदगी एक परीक्षा है काफी लोग.....
Krishan Singh
मोहब्बत जताई गई, इश्क फरमाया गया
मोहब्बत जताई गई, इश्क फरमाया गया
Kumar lalit
#मिट्टी की मूरतें
#मिट्टी की मूरतें
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
2882.*पूर्णिका*
2882.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दिल की बात आंखों से कहने में वक्त लगता है..
दिल की बात आंखों से कहने में वक्त लगता है..
Ravi Betulwala
कितना आराम करेगा तू
कितना आराम करेगा तू
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
बचपन की यादें
बचपन की यादें
Anamika Tiwari 'annpurna '
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
जस गीत
जस गीत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
बिन उत्तर हर प्रश्न ज्यों,
बिन उत्तर हर प्रश्न ज्यों,
sushil sarna
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
"गांव से दूर"
राकेश चौरसिया
गहराई
गहराई
पूर्वार्थ
तत्वहीन जीवन
तत्वहीन जीवन
Shyam Sundar Subramanian
बड़ी मुद्दतों के बाद
बड़ी मुद्दतों के बाद
VINOD CHAUHAN
कुछ नहीं
कुछ नहीं
Kunal Kanth
मुक्तक
मुक्तक
नूरफातिमा खातून नूरी
लैपटॉप
लैपटॉप
Suryakant Dwivedi
अपना गम देख कर घबरा गए
अपना गम देख कर घबरा गए
Girija Arora
ভগবান সত্য
ভগবান সত্য
Arghyadeep Chakraborty
हे जीवन पथ के पंथी
हे जीवन पथ के पंथी
Vishnu Prasad 'panchotiya'
Loading...