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2 Feb 2022 · 1 min read

*सुमति विचार रहे (घनाक्षरी)*

*सुमति विचार रहे (घनाक्षरी)*
■■■■■■■■■■■■■■
कुछ और भले दो न दो प्रभु
जीवन में सुमति विचार रहे
सद्‌भाव भरा व्यवहार सदा
जीवन का शुभ आधार रहे
अति दीन न हूँ निर्धनता में
गर्वित धन का न उभार रहे
नश्वर यह देह-जगत सारा
मन में यह बारम्बार रहे
——————————————–
रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उ.प्र.) मो. 9997615451

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