Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2016 · 1 min read

सुबह को आता है जगा देना

हर सुबह को आता है नींद से जगा देना
सत्य को भी आता इंसान को सजा देना

जिन्दगी की बगियाँ को फूल से खिला देना
बीज चाह के बो सरगम नया सजा देना

प्रेमिका पुरानी तेरी रही युगों से मैं
तुम न अब किसी से फिर आँख को लड़ा देना

पास आ कभी हमसे दूर मत चले जाना साँस से बँधी हूँ जीवन दे मुझे जिला देना

हाथ जब पिता ने तुझको दिया हमेशा को
प्यार से मुझे रख कोई न फिर गिला देना

हो गया न जाने क्यों प्रेम रोग मुझको अब
आज फिर मुझे कोई रोग की दवा देना

झाड फूँक सब मैं करवा चुकी हूँ अब
फिर असर न करती कोई दवा दुआ देना

70 Likes · 626 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all

You may also like these posts

वाह चाय
वाह चाय
Chitra Bisht
जन्मोत्सव अंजनि के लाल का
जन्मोत्सव अंजनि के लाल का
ललकार भारद्वाज
3686.💐 *पूर्णिका* 💐
3686.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मांगती हैं जिंदगी
मांगती हैं जिंदगी
Dr.sima
कंडक्टर सा हो गया, मेरा भी किरदार
कंडक्टर सा हो गया, मेरा भी किरदार
RAMESH SHARMA
मीठे गुड़ में
मीठे गुड़ में
हिमांशु Kulshrestha
*दीवाली मनाएंगे*
*दीवाली मनाएंगे*
Seema gupta,Alwar
जुमले
जुमले
Khajan Singh Nain
याद तुम्हारी आती रही
याद तुम्हारी आती रही
C S Santoshi
अपने आमाल पे
अपने आमाल पे
Dr fauzia Naseem shad
ज़मींदार
ज़मींदार
Shailendra Aseem
बैठा के पास पूंछ ले कोई हाल मेरा
बैठा के पास पूंछ ले कोई हाल मेरा
शिव प्रताप लोधी
ग्रन्थ
ग्रन्थ
Satish Srijan
देखो भय्या मान भी जाओ ,मेरा घरौंदा यूँ न गिराओ
देखो भय्या मान भी जाओ ,मेरा घरौंदा यूँ न गिराओ
पूर्वार्थ
अपना कानपुर
अपना कानपुर
Deepesh Dwivedi
उम्मीद का दिया
उम्मीद का दिया
राकेश पाठक कठारा
फलसफा जिंदगी का
फलसफा जिंदगी का
Sunil Maheshwari
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
सोना बन..., रे आलू..!
सोना बन..., रे आलू..!
पंकज परिंदा
*प्यासी धरती को मिला, वर्षा का उपहार (कुंडलिया)*
*प्यासी धरती को मिला, वर्षा का उपहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
स्नेह - प्यार की होली
स्नेह - प्यार की होली
Raju Gajbhiye
अब बदला किस किस से लू जनाब
अब बदला किस किस से लू जनाब
Umender kumar
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जनता
जनता
Sanjay ' शून्य'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
गीतिका
गीतिका
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कान्हा वापस आओ
कान्हा वापस आओ
Dr Archana Gupta
AE888 - TRANG CHỦ AE888 CHÍNH THỨC✔️ MOBILE
AE888 - TRANG CHỦ AE888 CHÍNH THỨC✔️ MOBILE
AE888
राम–गीत
राम–गीत
Abhishek Soni
धरा महकना
धरा महकना
अरशद रसूल बदायूंनी
Loading...