Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2023 · 1 min read

..सुप्रभात

..सुप्रभात

झुकना अपनेपन की ख़ातिर, हार नहीं जय कहलाएगा।
आँधी में वृक्ष झुका बच पाये, सीधा रहा उखड़ जाएगा।।
प्रकृति हमें नित बहुत सिखाए, हरपल इसका हम ध्यान करें।
सीखें इससे इसे सजाएँ, सबके जीवन में रंग भरें।।

..आर.एस. ‘प्रीतम’

89 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from आर.एस. 'प्रीतम'

You may also like:
गुरु-पूर्णिमा पर...!!
गुरु-पूर्णिमा पर...!!
Kanchan Khanna
तुम मेरी किताबो की तरह हो,
तुम मेरी किताबो की तरह हो,
Vishal babu (vishu)
मुझमें अभी भी प्यास बाकी है ।
मुझमें अभी भी प्यास बाकी है ।
Arvind trivedi
ये रंगो सा घुल मिल जाना,वो खुशियों भरा इजहार कर जाना ,फिजाओं
ये रंगो सा घुल मिल जाना,वो खुशियों भरा इजहार कर जाना ,फिजाओं
Shashi kala vyas
बड़े मिनरल वाटर पी निहाल : उमेश शुक्ल के हाइकु
बड़े मिनरल वाटर पी निहाल : उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कौन हूँ
कौन हूँ
Kavita Chouhan
"कुछ तो सोचो"
Dr. Kishan tandon kranti
■ आज का शेर...
■ आज का शेर...
*Author प्रणय प्रभात*
हाल-ए-दिल जब छुपा कर रखा, जाने कैसे तब खामोशी भी ये सुन जाती है, और दर्द लिए कराहे तो, चीखों को अनसुना कर मुँह फेर जाती है।
हाल-ए-दिल जब छुपा कर रखा, जाने कैसे तब खामोशी भी ये सुन जाती है, और दर्द लिए कराहे तो, चीखों को अनसुना कर मुँह फेर जाती है।
Manisha Manjari
परमपूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज
परमपूज्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज
मनोज कर्ण
प्रकृति
प्रकृति
लक्ष्मी सिंह
घाट किनारे है गीत पुकारे, आजा रे ऐ मीत हमारे…
घाट किनारे है गीत पुकारे, आजा रे ऐ मीत हमारे…
Anand Kumar
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
सिर्फ यह कमी थी मुझमें
सिर्फ यह कमी थी मुझमें
gurudeenverma198
उन्हें नहीं मालूम
उन्हें नहीं मालूम
Brijpal Singh
खत लिखा था पहली बार दे ना पाए कभी
खत लिखा था पहली बार दे ना पाए कभी
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
आप कैसा कमाल करते हो
आप कैसा कमाल करते हो
Dr fauzia Naseem shad
* बच कर रहना पुष्प-हार, अभिनंदन वाले ख्यालों से 【हिंदी गजल/ग
* बच कर रहना पुष्प-हार, अभिनंदन वाले ख्यालों से 【हिंदी गजल/ग
Ravi Prakash
इश्क वो गुनाह है
इश्क वो गुनाह है
Surinder blackpen
प्रभु शरण
प्रभु शरण
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
Sannato me shor bhar de
Sannato me shor bhar de
Sakshi Tripathi
बाँध लू तुम्हें......
बाँध लू तुम्हें......
Dr Manju Saini
ठोकरे इतनी खाई है हमने,
ठोकरे इतनी खाई है हमने,
कवि दीपक बवेजा
बुलंदियों पर पहुंचाएगा इकदिन मेरा हुनर मुझे,
बुलंदियों पर पहुंचाएगा इकदिन मेरा हुनर मुझे,
प्रदीप कुमार गुप्ता
तेरे भीतर ही छिपा, खोया हुआ सकून
तेरे भीतर ही छिपा, खोया हुआ सकून
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
💐प्रेम कौतुक-156💐
💐प्रेम कौतुक-156💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मानव जीवन में जरूरी नहीं
मानव जीवन में जरूरी नहीं
Dr.Rashmi Mishra
हृदय की कसक
हृदय की कसक
Dr. Rajiv
Loading...