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28 Apr 2020 · 1 min read

सुनो मुसाफिर

****सुनो मुसाफिर****
*******************
सुनो मुसाफिर जाने वाले,
बात जरा यह सुन जाना
घर में बैठीं आस लगाए,
याद उसे भी कर लेना

1.
बिन माली के कोई पौधा
कैसे भला फल सकता है
बिना साजन सजनी का
श्रृँगार अधूरा लगता है
दर पै बैठी सजरी सँवरी का ,
ख्वाब पूरा कर देना..
2.
सावन मास बैरी मे बैरन,
वियोग मे जोगन बन बैठी
प्रियतम जी आएंगे घर पर,
नयन बिछा कर दर बैठी
सावन न सूखा रह जाए,
झूले खूब झूला देना…
3.
वक्त बीत जो जाता है,
हाथ कभी नहीं आता है।
उसकी जो कद्र न समझे,
रहा सदा पछताता है।
वादा जो किया है उससे,
तनिक उसे निभा जाना..
4
मौसम कितना भी अच्छा हो,
दिल को रास नहीं आता है।
हर क्षण तेरी याद का झौंका,
जान तेरी को तडफाता है।
साँसें कहीं ना थम जाँए,
जीने की राह दिखा जाना…

.सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 159 Views

Books from सुखविंद्र सिंह मनसीरत

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