Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Dec 2022 · 1 min read

सुकून की तलाश है

जिंदगी की बांहों में , सुकून की तलाश है।
ख्वाब हैं आंखों में, उड़ने को आकाश है।

बहुत दर्द दे दिये ,अब तो संभलने दे मुझे
जब से मिली है तू,गुम होशोहवास है।

पत्थर सी कठोर ,ये जिंदगी रही हमेशा
उस पर ये वक्त ,बेहिस संगतराश है।

कांटे इतने मिले ,हमें राह ए जिंदगी में
पांव है घायल,तार तार लिबास है।

जी कर कोई दिखाये, जैसी हमने गुजारी
मालूम हो उसे भी,कौन दर्द शनास है।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
2 Likes · 3 Comments · 96 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मोबाइल
मोबाइल
लक्ष्मी सिंह
मातृ दिवस
मातृ दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पूजा नहीं, सम्मान दें!
पूजा नहीं, सम्मान दें!
Shekhar Chandra Mitra
होली का त्यौहार (बाल कविता)
होली का त्यौहार (बाल कविता)
Ravi Prakash
गीत
गीत
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
ऐ वसुत्व अर्ज किया है....
ऐ वसुत्व अर्ज किया है....
प्रेमदास वसु सुरेखा
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
🌷 चंद अश'आर 🌷
🌷 चंद अश'आर 🌷
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
#मेरे_दोहे
#मेरे_दोहे
*Author प्रणय प्रभात*
मुरझाना तय है फूलों का, फिर भी खिले रहते हैं।
मुरझाना तय है फूलों का, फिर भी खिले रहते हैं।
Khem Kiran Saini
Tumhari khahish khuch iss kadar thi ki sajish na samajh paya
Tumhari khahish khuch iss kadar thi ki sajish na samajh paya
Sakshi Tripathi
शब्द यदि हर अर्थ का, पर्याय होता जायेगा
शब्द यदि हर अर्थ का, पर्याय होता जायेगा
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
भाव
भाव
Sanjay
कविता की महत्ता।
कविता की महत्ता।
Rj Anand Prajapati
नेह का दीपक
नेह का दीपक
Arti Bhadauria
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
इन्तजार है हमको एक हमसफर का।
इन्तजार है हमको एक हमसफर का।
Taj Mohammad
वो दिन भी क्या दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
2332.पूर्णिका
2332.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ख़ुदी के लिए
ख़ुदी के लिए
Dr fauzia Naseem shad
युँ ही नहीं जिंदगी हर लम्हा अंदर से तोड़ रही,
युँ ही नहीं जिंदगी हर लम्हा अंदर से तोड़ रही,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
# लोकतंत्र .....
# लोकतंत्र .....
Chinta netam " मन "
भीगे-भीगे मौसम में.....!!
भीगे-भीगे मौसम में.....!!
Kanchan Khanna
चहक़ सको तो
चहक़ सको तो
Chunnu Lal Gupta
कवितायें सब कुछ कहती हैं
कवितायें सब कुछ कहती हैं
Satish Srijan
व्यक्ति नही व्यक्तित्व अस्ति नही अस्तित्व यशस्वी राज नाथ सिंह जी
व्यक्ति नही व्यक्तित्व अस्ति नही अस्तित्व यशस्वी राज नाथ सिंह जी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
भुला भुला कर के भी नहीं भूल पाओगे,
भुला भुला कर के भी नहीं भूल पाओगे,
Buddha Prakash
सोशल मीडिया
सोशल मीडिया
Surinder blackpen
नीर
नीर
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)
Loading...