*सीमा*

*सीमा*
बंदिश, देहलीज़, धैर्य
ये चाहे बांध देते हैं एक सीमा में
लेकिन ये ना हों तो आज़ादी का मूल्य सम्पूर्णता समाप्त हो जाये
जैसे मौत का ‘अस्तित्व’ ना होता तो ज़िन्दगी की कोई कद्र ना होती।
इसलिए सीमा, देहलीज़ और विशेषता धैर्य, ये अनमोल शब्द हैं।
डॉ राजीव
चंडीगढ़।