*सीधी-सादी मस्त अदाएँ (हिंदी गजल/गीतिका)*

सीधी-सादी मस्त अदाएँ (हिंदी गजल/गीतिका)
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(1)
बच्चों जैसे गुण हों हम में ,हम बच्चे कहलाएँ
छुटे बड़प्पन से नाता, हम फिर बच्चे बन जाएँ
(2)
कहाँ सरलता हम रख पाते, जटिल और हो जाते
हम बच्चों की तरह, जिंदगी में निश्छलता पाएँ
(3)
कब तनाव रखते बच्चे ,इच्छाएँ इनकी थोड़ी
चलो एक गुब्बारा देकर, हम खुद को बहलाएँ
(4)
खुश रहना सीखें बच्चों से, खुद में आप मगन हों
फटे हुए कपड़ों में हम, मुस्कानें लेकर आएँ
(5)
कोशिश करो लौटकर फिर से, अपना बचपन लाएँ
भोला-भाला मुखड़ा ,सीधी-सादी मस्त अदाएँ
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451