Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Dec 2022 · 1 min read

सिलसिले साँसों के भी थकने लगे थे, बेजुबां लबों को, रूह की खामोशी में थरथराना था।

उन गहराईयों से रिश्ता मेरा पुराना था,
दर्द भरी गलियों में हीं, तो मेरा ठिकाना था।
उजाले चुभते थे, आँखों में इस कदर,
की आंसुओं के साथ, हीं हमारा आशिकाना था।
हसरतों के शीशे पर चढ़ी थी, धूल की परतें,
और निगाहों ने बस अंधेरों को अपना माना था।
एहसास कुछ ऐसे सुन्न पड़े थे,
की भीड़ में गुम होकर भी, हमें तन्हा हीं चलते जाना था।
ख़्वाब टूटे नहीं थे, वो तो चकनाचूर हुए थे,
ख्वाहिशों को हक़ीक़त की जमीं से, कुछ ऐसे टकराना था।
जिस सितारे ने दुआएं देने को झोली थी खोली,
उस दुआ को पूरी करने को, उसे हीं टूट जाना था।
सिलसिले साँसों के भी थकने लगे थे,
बेजुबां लबों को, रूह की खामोशी में थरथराना था।
जिस तूफां ने ना जाने कितने आशियाने उजाड़े थे,
फिर उसी को एक डूबी कश्ती को, मेरे किनारों तक पहुँचाना था।
बंधनो को तोड़ जब, चुना था सफ़र तन्हा,
क़िस्मत को एक बार फिर, धड़कनों को आज़माना था।
मोहब्बत हाथ थामे भी, धुंधलाई सी खड़ी थी,
और समझदारी का नक़ाब डाले, हमें बस मुस्कुराना था।

1 Like · 85 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from Manisha Manjari

You may also like:
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जिंदगी
जिंदगी
Seema gupta,Alwar
■ मुक्तक...
■ मुक्तक...
*Author प्रणय प्रभात*
पंचशील गीत
पंचशील गीत
Buddha Prakash
💐प्रेम कौतुक-204💐
💐प्रेम कौतुक-204💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कविता की महत्ता।
कविता की महत्ता।
Rj Anand Prajapati
चुगलखोरी एक मानसिक संक्रामक रोग है।
चुगलखोरी एक मानसिक संक्रामक रोग है।
विमला महरिया मौज
ये, जो बुरा वक्त आता है ना,
ये, जो बुरा वक्त आता है ना,
Sandeep Mishra
तूफां से लड़ता वही
तूफां से लड़ता वही
Satish Srijan
इतने सालों बाद भी हम तुम्हें भूला न सके।
इतने सालों बाद भी हम तुम्हें भूला न सके।
लक्ष्मी सिंह
2289.पूर्णिका
2289.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
कहानी *
कहानी *"ममता"* पार्ट-3 लेखक: राधाकिसन मूंधड़ा, सूरत।
Radhakishan Mundhra
बर्फ के टीलों से घर बनाने निकले हैं,
बर्फ के टीलों से घर बनाने निकले हैं,
कवि दीपक बवेजा
भगतसिंह: एक जीनियस
भगतसिंह: एक जीनियस
Shekhar Chandra Mitra
हिम्मत और महब्बत एक दूसरे की ताक़त है
हिम्मत और महब्बत एक दूसरे की ताक़त है
SADEEM NAAZMOIN
*पाना है अमरत्व अगर तो, जग में सबसे प्यार करो 【मुक्तक】*
*पाना है अमरत्व अगर तो, जग में सबसे प्यार करो 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
राष्ट्रीय गणित दिवस....
राष्ट्रीय गणित दिवस....
डॉ.सीमा अग्रवाल
शादी
शादी
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
सच तो यह है
सच तो यह है
Dr fauzia Naseem shad
फिर से अरमान कोई क़त्ल हुआ है मेरा
फिर से अरमान कोई क़त्ल हुआ है मेरा
Anis Shah
आखिर में मर जायेंगे सब लोग अपनी अपनी मौत,
आखिर में मर जायेंगे सब लोग अपनी अपनी मौत,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मंजिलें भी दर्द देती हैं
मंजिलें भी दर्द देती हैं
Dr. Kishan tandon kranti
धर्म
धर्म
पंकज कुमार कर्ण
कुछ तो नशा जरूर है उनकी आँखो में,
कुछ तो नशा जरूर है उनकी आँखो में,
Vishal babu (vishu)
उफ्फ यह गर्मी (बाल कविता )
उफ्फ यह गर्मी (बाल कविता )
श्याम सिंह बिष्ट
एक  चांद  खूबसूरत  है
एक चांद खूबसूरत है
shabina. Naaz
खून के बदले आजादी
खून के बदले आजादी
अनूप अम्बर
दोस्ती पर वार्तालाप (मित्रता की परिभाषा)
दोस्ती पर वार्तालाप (मित्रता की परिभाषा)
Er.Navaneet R Shandily
जिंदगी एक किराये का घर है।
जिंदगी एक किराये का घर है।
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
"माँ की छवि"
Ekta chitrangini
Loading...