Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2023 · 1 min read

सिर्फ तुम्हारे खातिर

मुझको तो मिल गया था,
साथी और भी सफर में,
लेकिन थाम नहीं सका मैं उसका हाथ,
बढ़ नहीं सका उसके साथ एक कदम भी,
और छोड़ दिया मैंने उसको,
सिर्फ तुम्हारे खातिर।

मुझको भी बहुत अजीब लग रहा था,
पहली बार जब वह मुझको मिला था,
इच्छा थी उस पर खुशियां बरसाने की,
उसको दिल में बसाने की,
मगर दे नहीं सका दिल उसको,
सिर्फ तुम्हारे खातिर।

मैं खड़ा था तुम्हारी दहलीज पर,
तुमसे मिलने की प्रतीक्षा में,
वो चाह रहे थे मुझसे जानना,
तेरे और मेरे रिश्ते के बारे में,
मगर कुछ नहीं कह सका मैं,
सिर्फ तुम्हारे खातिर।

अब पराजित हो चुका हूँ मैं,
और लौट रहा हूँ फिर से,
बदनाम होकर तुमसे तेरे घर,
नहीं रहा मैं अब आज़ाद,
मैं बना रहा हूँ एक दुनिया,
सिर्फ तुम्हारे खातिर।

शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
128 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ये बारिश के मोती
ये बारिश के मोती
Surinder blackpen
मैं बहुतों की उम्मीद हूँ
मैं बहुतों की उम्मीद हूँ
ruby kumari
गज़ल
गज़ल
Jyoti Khari
तेरी उल्फत के वो नज़ारे हमने भी बहुत देखें हैं,
तेरी उल्फत के वो नज़ारे हमने भी बहुत देखें हैं,
manjula chauhan
बेटी की बिदाई ✍️✍️
बेटी की बिदाई ✍️✍️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
-- जिंदगी तो कट जायेगी --
-- जिंदगी तो कट जायेगी --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
कुछ हम भी बदल गये
कुछ हम भी बदल गये
Dr fauzia Naseem shad
"Don't be fooled by fancy appearances, for true substance li
Manisha Manjari
मां के आँचल में
मां के आँचल में
Satish Srijan
शिष्टाचार के दीवारों को जब लांघने की चेष्टा करते हैं ..तो दू
शिष्टाचार के दीवारों को जब लांघने की चेष्टा करते हैं ..तो दू
DrLakshman Jha Parimal
*काकोरी के वीर (कुंडलिया)*
*काकोरी के वीर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
इश्क़—ए—काशी
इश्क़—ए—काशी
Astuti Kumari
नदी
नदी
Kumar Kalhans
अपने-अपने चक्कर में,
अपने-अपने चक्कर में,
Dr. Man Mohan Krishna
बाल कहानी- वादा
बाल कहानी- वादा
SHAMA PARVEEN
सुनो स्त्री
सुनो स्त्री
Rashmi Sanjay
तुम गर मुझे चाहती
तुम गर मुझे चाहती
Lekh Raj Chauhan
खास लम्हें
खास लम्हें
निकेश कुमार ठाकुर
मांगने से रोशनी मिलेगी ना कभी
मांगने से रोशनी मिलेगी ना कभी
Slok maurya "umang"
दिल में आग , जिद और हौसला बुलंद,
दिल में आग , जिद और हौसला बुलंद,
कवि दीपक बवेजा
नींद आने की
नींद आने की
हिमांशु Kulshrestha
■ सपनों में आ कर ■
■ सपनों में आ कर ■
*Author प्रणय प्रभात*
मोहब्बत, हर किसी के साथ में नहीं होती
मोहब्बत, हर किसी के साथ में नहीं होती
Vishal babu (vishu)
टेंशन है, कुछ समझ नहीं आ रहा,क्या करूं,एक ब्रेक लो,प्रॉब्लम
टेंशन है, कुछ समझ नहीं आ रहा,क्या करूं,एक ब्रेक लो,प्रॉब्लम
dks.lhp
चाह
चाह
जय लगन कुमार हैप्पी
बेवफा
बेवफा
RAKESH RAKESH
लार्जर देन लाइफ होने लगे हैं हिंदी फिल्मों के खलनायक -आलेख
लार्जर देन लाइफ होने लगे हैं हिंदी फिल्मों के खलनायक -आलेख
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
तप रहे हैं प्राण भी / (गर्मी का नवगीत)
तप रहे हैं प्राण भी / (गर्मी का नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
प्रेम पथिक
प्रेम पथिक
Aman Kumar Holy
एहसासों का समन्दर लिए बैठा हूं।
एहसासों का समन्दर लिए बैठा हूं।
Taj Mohammad
Loading...