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25 Jul 2016 · 1 min read

सियासी दांव पेंच

फैला के नफ़रतें प्यार के पैगाम न आएंगे
लगा के आग दिलों मे भी आराम न आएंगे
*********************************
सेकते हो तुम अक्सर यूं ही सियासी रोटियाँ
हर दफ़ा ये दाव पेंच सियासी काम न आएंगे
*********************************
कपिल कुमार
25/07/2016

Language: Hindi
1 Comment · 394 Views
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