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14 Sep 2016 · 1 min read

सियासतदार

सियासतदार झूठा हिसाब क्या देते
रोटी ना दे पाये किताब क्या देते

खुद नंगे जो महफ़िल में इज़्ज़त कैसे मिले
बेशर्म को तब नया नकाब़ क्या देते

उल्फ़त में रहे वो निज़ात कैसे पाते
बदगुमानी का सही हिसाब क्या देते

पकड़ा कर झंडे भीड़ में वो हिस्सा दिलाते
पेट की आग का वो हिसाब क्या देते

सभी के पेट खाली नारे बाजी ही करते
टुटे हुवे दिल को अब ख्वाब क्या देते

बच्चपन छिन के उन्हे भविष्य क्या मिले
सवाल सारे गलत थे जवाब क्या देते

सजन

1 Comment · 356 Views
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