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3 Apr 2023 · 1 min read

साहित्य का पोस्टमार्टम

तहज़ीब की ओट में छिपा
बियाबान कहां है आख़िर?
सदियों के सफ़र में हमारी
पहचान कहां है आख़िर?
ऐ शहजादों और परियों के
किस्सों से बहलने वालों!
किसानों और मज़दूरों की
दास्तान कहां है आख़िर?
#कवि #शायर #लेखक #हिंदी
#साहित्य #अदब #बुद्धिजीवी
#दलित #आदिवासी #विमर्श
#अवामी #लोक #जन #उर्दू
#शेखर_चंद्र_मित्रा #विद्रोही

Language: Hindi
100 Views
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