Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Oct 2021 · 1 min read

साहित्यक दलाल स लड़ब हम,

साहित्यक दलाल स लड़ब हम,
धर्मक ठिकेदार के देबै हम खिहाइर?

लोकचेतना अनबै,यथार्थक संग रहबै फांर बान्हि ठाढ़?
जनसरोकार बढ़ौ, कारीगर लिखत बिद्रोहक भाषा.

शायर- किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)

Language: Maithili
1 Like · 448 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan Karigar
View all
You may also like:
यू तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
यू तो गुल-ए-गुलशन में सभी,
TAMANNA BILASPURI
तभी भला है भाई
तभी भला है भाई
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ଏହା କୌଣସି ପ୍ରଶ୍ନ ନୁହେଁ, ଏହା ଏକ ଉତ୍ତର ।
ଏହା କୌଣସି ପ୍ରଶ୍ନ ନୁହେଁ, ଏହା ଏକ ଉତ୍ତର ।
Otteri Selvakumar
वो इतनी ही हमारी बस सांझली
वो इतनी ही हमारी बस सांझली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
लोग बंदर
लोग बंदर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
नहीं-नहीं प्रिये
नहीं-नहीं प्रिये
Pratibha Pandey
बुद्धं शरणं गच्छामि
बुद्धं शरणं गच्छामि
Dr.Priya Soni Khare
दर्द -ऐ सर हुआ सब कुछ भुलाकर आये है ।
दर्द -ऐ सर हुआ सब कुछ भुलाकर आये है ।
Phool gufran
बेटी
बेटी
Neeraj Agarwal
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
SPK Sachin Lodhi
तमाम रातें तकतें बीती
तमाम रातें तकतें बीती
Suryakant Dwivedi
कुछ लोग
कुछ लोग
Dr.Pratibha Prakash
राहों में
राहों में
हिमांशु Kulshrestha
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
इन तूफानों का डर हमको कुछ भी नहीं
gurudeenverma198
जातिवाद का भूत
जातिवाद का भूत
मधुसूदन गौतम
*गणेश जी (बाल कविता)*
*गणेश जी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मां नर्मदा प्रकटोत्सव
मां नर्मदा प्रकटोत्सव
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"चाँद का टुकड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
इंकारों की हो गई,
इंकारों की हो गई,
sushil sarna
कविता (आओ तुम )
कविता (आओ तुम )
Sangeeta Beniwal
नवरात्र के सातवें दिन माँ कालरात्रि,
नवरात्र के सातवें दिन माँ कालरात्रि,
Harminder Kaur
4123.💐 *पूर्णिका* 💐
4123.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
तुम मेरे हो
तुम मेरे हो
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हौसला है कि टूटता ही नहीं ,
हौसला है कि टूटता ही नहीं ,
Dr fauzia Naseem shad
सजनी पढ़ लो गीत मिलन के
सजनी पढ़ लो गीत मिलन के
Satish Srijan
दिल कहे..!
दिल कहे..!
Niharika Verma
मोर छत्तीसगढ़ महतारी
मोर छत्तीसगढ़ महतारी
Mukesh Kumar Sonkar
उलझ नहीं पाते
उलझ नहीं पाते
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
किसी को इतना भी प्यार मत करो की उसके बिना जीना मुश्किल हो जा
किसी को इतना भी प्यार मत करो की उसके बिना जीना मुश्किल हो जा
रुचि शर्मा
उलझी हुई है जुल्फ
उलझी हुई है जुल्फ
SHAMA PARVEEN
Loading...