Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jul 2022 · 1 min read

सावन सजनी पर दोहे

सावन महिना आ गया,पवन मचावे शोर।
डालो पर झूले पड़े,नाचे बन में मोर।।

मेरे साजन घर नही,सतावे उनकि याद।
तड़प रहा मेरा मन,सुने कोए फरियाद।।

सावन के आते बढ़ी,पिया मिलन की आस।
बैठ गई सज संवर के,सजनी पी के पास।।

बिजली हर तरफ चमके,करे घटा संगीत।
तड़पे सजनी रात भर,पास नही जब मीत।।

धरती हर्षित हो रही,घिरी घटा घनघोर।
पुरवाई भी कर रही,मधुर मनोहर शोर।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Language: Hindi
Tag: दोहे
4 Likes · 5 Comments · 468 Views

Books from Ram Krishan Rastogi

You may also like:
बात
बात
Shyam Sundar Subramanian
मैं हरि नाम जाप हूं।
मैं हरि नाम जाप हूं।
शक्ति राव मणि
बरगद का दरख़्त है तू
बरगद का दरख़्त है तू
Satish Srijan
आज की प्रस्तुति: भाग 3
आज की प्रस्तुति: भाग 3
Rajeev Dutta
वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा
वो इश्क जो कभी किसी ने न किया होगा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
फायदा उठाया है उसने अपने पद का
फायदा उठाया है उसने अपने पद का
कवि दीपक बवेजा
ताजा समाचार है
ताजा समाचार है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सूरज बनो तुम
सूरज बनो तुम
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अमृत महोत्सव
अमृत महोत्सव
वीर कुमार जैन 'अकेला'
बहुत आँखें तुम्हारी बोलती हैं
बहुत आँखें तुम्हारी बोलती हैं
Dr Archana Gupta
गं गणपत्ये! जय कमले!
गं गणपत्ये! जय कमले!
श्री रमण 'श्रीपद्'
💐अज्ञात के प्रति-121💐
💐अज्ञात के प्रति-121💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गलती का समाधान----
गलती का समाधान----
सुनील कुमार
दास्तां-ए-दर्द
दास्तां-ए-दर्द
Seema 'Tu hai na'
बेजुबान और कसाई
बेजुबान और कसाई
मनोज कर्ण
ह्रदय की अनुभूति
ह्रदय की अनुभूति
Dr fauzia Naseem shad
वो सहरा में भी हमें सायबान देता है
वो सहरा में भी हमें सायबान देता है
Anis Shah
वैराग्य का भी अपना हीं मजा है,
वैराग्य का भी अपना हीं मजा है,
Manisha Manjari
✍️छल कपट
✍️छल कपट
'अशांत' शेखर
Samay  ka pahiya bhi bada ajib hai,
Samay ka pahiya bhi bada ajib hai,
Sakshi Tripathi
"मन"
Dr. Kishan tandon kranti
हरियाणी गाना(एक साखी दूसरी सखी को अपनी व्यथा सुनाती है।
हरियाणी गाना(एक साखी दूसरी सखी को अपनी व्यथा सुनाती है।
Surjeet Kumar
■ संस्मरण /
■ संस्मरण / "अलविदा"
*Author प्रणय प्रभात*
पत्थर की लकीर नहीं है जिन्दगी,
पत्थर की लकीर नहीं है जिन्दगी,
Buddha Prakash
" वट वृक्ष सा स्पैक्ट्रम "
Dr Meenu Poonia
भगतसिंह की क़लम
भगतसिंह की क़लम
Shekhar Chandra Mitra
मेलों का मौसम है आया(बाल कविता)
मेलों का मौसम है आया(बाल कविता)
Ravi Prakash
नदियां जो सागर में जाती उस पाणी की बात करो।
नदियां जो सागर में जाती उस पाणी की बात करो।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
कोशिस करो कि दोगले लोगों से
कोशिस करो कि दोगले लोगों से
Shankar J aanjna
सही नहीं है /
सही नहीं है /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Loading...