Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2024 · 1 min read

सावन का मेला

सावन का मेला

आया सावन का मेला है, त्यौहार बड़ा अलबेला है
हर हर बम बम गूंज रहा, जन- दर्शन को उमड़ रहा
बादल अभिषेक को आए हैं, घनघोर घटाएं लाए हैं
सावन जमकर बरस रहा, जलधार धरा को चढ़ा रहा
उमड़ रही सर सरिताएं, खेत बाग तरूवर और लताएं
फूट पड़े झरने गिरवर से, कल कल गीत खुशी के गाएं
धरती अंबर प्रेम मिलन है, प्रकृति का हर जीव मगन है
त्रय ताप का हुआ समन है,बिजली और मेघ नर्तन है
सजे हुए चहुं ओर शिवाले, तीर्थ सरोवर मंदिर सारे
जन समुद्र की लहरें जैसे, शिव सागर के आईं किनारे
पुष्प पत्र फलफूल लिए, धानी चूनर धरा है धारे
नयनाभिराम हर दृश्य धरा पर, मन मोह रहा नैना रतनारे
श्रावण सोमवार अनुपम है, ऊं नमः शिवाय मंत्र उचारे
हर हर गंगे हर हर महादेव, ओमकार गगन में गूंजा रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

1 Like · 1 Comment · 90 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all

You may also like these posts

सेल्फिश ब्लॉक
सेल्फिश ब्लॉक
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
फितरत की कहानी
फितरत की कहानी
प्रदीप कुमार गुप्ता
लू गर्मी में चलना, आफ़त लगता है।
लू गर्मी में चलना, आफ़त लगता है।
सत्य कुमार प्रेमी
"इंसान और सपना"
Dr. Kishan tandon kranti
# लोकतंत्र .....
# लोकतंत्र .....
Chinta netam " मन "
मौन
मौन
अंकित आजाद गुप्ता
भयंकर शायरी
भयंकर शायरी
Rituraj shivem verma
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Essence of Happiness
Essence of Happiness
Deep Shikha
फ़ुरसत से निकालों वक्त, या अपना वक्त अपने पास रखो;
फ़ुरसत से निकालों वक्त, या अपना वक्त अपने पास रखो;
ओसमणी साहू 'ओश'
चांदनी के लिए
चांदनी के लिए
Deepesh Dwivedi
वो मानसिक रोगी होता है जो सामान्य रूप से किसी की खुशी में खु
वो मानसिक रोगी होता है जो सामान्य रूप से किसी की खुशी में खु
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
जुआं में व्यक्ति कभी कभार जीत सकता है जबकि अपने बुद्धि और कौ
जुआं में व्यक्ति कभी कभार जीत सकता है जबकि अपने बुद्धि और कौ
Rj Anand Prajapati
एक छोटी सी आश मेरे....!
एक छोटी सी आश मेरे....!
VEDANTA PATEL
नारी पुरूष की शक्ति
नारी पुरूष की शक्ति
लक्ष्मी सिंह
कभी नजरें मिलाते हैं कभी नजरें चुराते हैं।
कभी नजरें मिलाते हैं कभी नजरें चुराते हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
खोया है हरेक इंसान
खोया है हरेक इंसान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
यादें
यादें
SATPAL CHAUHAN
कोरी स्लेट
कोरी स्लेट
sheema anmol
प्रेम दिवानों  ❤️
प्रेम दिवानों ❤️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
विकल्प
विकल्प
Sanjay ' शून्य'
समेट लिया है  मैं ने ,अपने अल्फाजों में खुद को ,
समेट लिया है मैं ने ,अपने अल्फाजों में खुद को ,
Neelofar Khan
वो ख्वाबों में सपने संजोती तो होगी
वो ख्वाबों में सपने संजोती तो होगी
कृष्णकांत गुर्जर
Lines of day
Lines of day
Sampada
मैं उन लोगो में से हूँ
मैं उन लोगो में से हूँ
Dr Manju Saini
जिंदगी
जिंदगी
पूर्वार्थ
सीख
सीख
Adha Deshwal
#जयंती_आज
#जयंती_आज
*प्रणय*
बारिश पर  हाइकु:
बारिश पर हाइकु:
sushil sarna
खरोंच / मुसाफ़िर बैठा
खरोंच / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
Loading...