Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Dec 2022 · 1 min read

*साल क्या होता नया पुराना (गीत)*

*साल क्या होता नया पुराना (गीत)*
■■■■■■■■■■■■■■■■■
चला अनवरत समय ,साल क्या होता नया-पुराना
(1)
दिवस-महीने आते-जाते हैं तारीख बदलती
आयु बीतती जाती हर क्षण मानव को यह छलती
पृष्ठ पलटना ज्यों पुस्तक का, यह नव-वर्ष मनाना
(2)
सौ वर्षों का एक कलैंडर मानव की यह काया
जब-जब बीता साल ,हर्ष मानव ने खूब मनाया
अरे अरे! अब एक वर्ष का है कम समय-खजाना
(3)
सोचो लक्ष्य जगत में क्या ,हम क्यों दुनिया में आए
चलो ठीक यह पद-प्रसिद्धि में सौ-सौ चाँद लगाए
मगर न खोजा बैठ तसल्ली से जो पथ अनजाना
चला अनवरत समय ,साल क्या होता नया पुराना
————————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
Tag: गीत
43 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

Books from Ravi Prakash

You may also like:
जिन्दगी के रंग
जिन्दगी के रंग
Santosh Shrivastava
मेरी प्यारी कविता
मेरी प्यारी कविता
Ms.Ankit Halke jha
"तलाश उसकी रखो"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी जीने का सबका अलग सपना
जिंदगी जीने का सबका अलग सपना
कवि दीपक बवेजा
अपनी गजब कहानी....
अपनी गजब कहानी....
डॉ.सीमा अग्रवाल
आस लगाए बैठे हैं कि कब उम्मीद का दामन भर जाए, कहने को दुनिया
आस लगाए बैठे हैं कि कब उम्मीद का दामन भर जाए, कहने को दुनिया
Shashi kala vyas
*मुकदमा  (कुंडलिया)*
*मुकदमा (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
बूढ़ा बरगद का पेड़ बोला (मार्मिक कविता)
Dr. Kishan Karigar
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Girvi rakh ke khud ke ashiyano ko
Girvi rakh ke khud ke ashiyano ko
Sakshi Tripathi
ये सच है कि उनके सहारे लिए
ये सच है कि उनके सहारे लिए
हरवंश हृदय
माँ (ममता की अनुवाद रही)
माँ (ममता की अनुवाद रही)
Vijay kumar Pandey
ग़म का सागर
ग़म का सागर
Surinder blackpen
मैथिली साहित्य मे परिवर्तन से आस जागल।
मैथिली साहित्य मे परिवर्तन से आस जागल।
Acharya Rama Nand Mandal
💐प्रेम कौतुक-550💐
💐प्रेम कौतुक-550💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हमारे दोस्त
हमारे दोस्त
Shivkumar Bilagrami
शादी शुदा कुंवारा (हास्य व्यंग)
शादी शुदा कुंवारा (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
आ भी जाओ मेरी आँखों के रूबरू अब तुम
आ भी जाओ मेरी आँखों के रूबरू अब तुम
Vishal babu (vishu)
इंसान जीवन क़ो अच्छी तरह जीने के लिए पूरी उम्र मेहनत में गुजा
इंसान जीवन क़ो अच्छी तरह जीने के लिए पूरी उम्र मेहनत में गुजा
अभिनव अदम्य
राह देखेंगे तेरी इख़्तिताम की हद तक,
राह देखेंगे तेरी इख़्तिताम की हद तक,
Neelam Sharma
🙋बाबुल के आंगन की चिड़िया🙋
🙋बाबुल के आंगन की चिड़िया🙋
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
होली का रंग
होली का रंग
मनोज कर्ण
महाप्रभु वल्लभाचार्य जयंती
महाप्रभु वल्लभाचार्य जयंती
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
#चाह_वैभव_लिए_नित्य_चलता_रहा_रोष_बढ़ता_गया_और_मैं_ना_रहा।।
#चाह_वैभव_लिए_नित्य_चलता_रहा_रोष_बढ़ता_गया_और_मैं_ना_रहा।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
तेरे होकर भी।
तेरे होकर भी।
Taj Mohammad
छिपकली बन रात को जो, मस्त कीड़े खा रहे हैं ।
छिपकली बन रात को जो, मस्त कीड़े खा रहे हैं ।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
बेशक खताये बहुत है
बेशक खताये बहुत है
shabina. Naaz
चर्चित हुए हम
चर्चित हुए हम
Dr. Sunita Singh
■ गीत (दर्शन)
■ गीत (दर्शन)
*Author प्रणय प्रभात*
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
Loading...