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12 Feb 2024 · 1 min read

सामाजिकता

लोग
इक दूजे के
घर नही जाते
साथ साथ
बैठकर
अब नही
बतियाते
सामाजिकता
खोखली
हो रही है
सोशल मीडिया से
कुछ निभ रही है
आपसी संबंधो की
जुगलबंदी।
अब कोई
किसी के
पास नही आता
संग बैठ बोलना
रास नही आता।
अकेलापन
तोड़ रहा
निराशा से
जोड़ रहा
चलो हम
मिलजुलकर।
दो चार बात करें।
अवसाद को हरें।

डा. पूनम पांडे

Language: Hindi
2 Likes · 162 Views
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