Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2024 · 1 min read

सात समंदर पार

वो बादलों के ऊपर
उड़ता जहाज़
तुम्हें मुझसे बहुत दूर
सात समंदर पार ले गया
जैसे मेरे अंदर कुछ टूट कर
बिखरता गया
हाथों से कुछ छूटता गया
वो जहाज़ जैसे
सात समंदर पार करता रहा
खारे पानी के सात समंदर
मेरी आँखों में समा गए
अब हर रोज इन आँखों में
ज्वार भाटा आता है
समंदर उफन उफन कर
सारे शहर को डुबाने लगता है
वो बादलों के ऊपर
उड़ता जहाज़
मेरी आँखों में
ज्वार भाटा लाता है
वो बादलों के ऊपर
उड़ता जहाज़
तुम्हें मुझसे बहुत दूर
सात समंदर पार ले गया…

©️कंचन”अद्वैता”

1 Like · 79 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Kanchan Advaita
View all

You may also like these posts

रोटी
रोटी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
😢😢
😢😢
*प्रणय*
मैं हूँ भारतीय 🇮🇳
मैं हूँ भारतीय 🇮🇳
Sakhi
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
gurudeenverma198
वो मेरे प्रेम में कमियाँ गिनते रहे
वो मेरे प्रेम में कमियाँ गिनते रहे
Neeraj Mishra " नीर "
,,
,,
Sonit Parjapati
दो मुक्तक
दो मुक्तक
Ravi Prakash
जो मेरे लफ्ज़ न समझ पाए,
जो मेरे लफ्ज़ न समझ पाए,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
एक मुलाकात अजनबी से
एक मुलाकात अजनबी से
Mahender Singh
बसंत बहार
बसंत बहार
इंजी. संजय श्रीवास्तव
उलझनें
उलझनें
Karuna Bhalla
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
पश्चाताप का खजाना
पश्चाताप का खजाना
अशोक कुमार ढोरिया
मुझसा फ़कीर कोई ना हुआ,
मुझसा फ़कीर कोई ना हुआ,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जो संतुष्टि का दास बना, जीवन की संपूर्णता को पायेगा।
जो संतुष्टि का दास बना, जीवन की संपूर्णता को पायेगा।
Manisha Manjari
जिंदगी मौज है रवानी है खुद की कहानी है l
जिंदगी मौज है रवानी है खुद की कहानी है l
Ranjeet kumar patre
हे ब्रह्माचारिणी जग की शक्ति
हे ब्रह्माचारिणी जग की शक्ति
रुपेश कुमार
All of a sudden, everything feels unfair. You pour yourself
All of a sudden, everything feels unfair. You pour yourself
पूर्वार्थ
"सोचता हूँ"
Dr. Kishan tandon kranti
कवियों का अपना गम...
कवियों का अपना गम...
goutam shaw
क्या जाने दुनिया के चलन को सच्चा है
क्या जाने दुनिया के चलन को सच्चा है
Dr. Mohit Gupta
नन्दी बाबा
नन्दी बाबा
Anil chobisa
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
लिमवा के पेड़ पर,
लिमवा के पेड़ पर,
TAMANNA BILASPURI
ग़ज़ल _ नहीं भूल पाए , ख़तरनाक मंज़र।
ग़ज़ल _ नहीं भूल पाए , ख़तरनाक मंज़र।
Neelofar Khan
रचना प्रेमी, रचनाकार
रचना प्रेमी, रचनाकार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
मन करता है नील गगन में, पंछी बन उड़ जाऊं
मन करता है नील गगन में, पंछी बन उड़ जाऊं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
SP53 दौर गजब का
SP53 दौर गजब का
Manoj Shrivastava
शीर्षक - गुरु ईश्वर
शीर्षक - गुरु ईश्वर
Neeraj Agarwal
पेड़ों ने जगह दी ना शाख़ों पे नशेमन है
पेड़ों ने जगह दी ना शाख़ों पे नशेमन है
Kanchan Gupta
Loading...