Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jan 2023 · 1 min read

साजन आने वाले हैं

कन्धे पर हथियार लिये
डट दुश्मन को ललकारे है।
प्रहरी बन तैनात बलमजी,
सरहद के रखवाले है ।

मैं घर, पिया सीमा पे जागे,
सुना कोना कोना है ।
जाने कब वो घर आयेगें,
रात-दिवस यही रोना है ।

सास ससुर नन्द देवर जेठा,
सबकी सेवा करना है।
सब अपने में मस्त है रहते,
मुझको घुट घुट मरना है।

मेरे दुख को कोई न देखे,
दिल पर पड़ गये छाले है।
आध वर्ष हुये पिया न आये,
आंखे आशा पालें हैं।

ऐ कोयल कोई गीत सुना दो,
कलियों तुम मुस्का दो।
कारे बदरा रिम झिम बरसो,
राह की धूल मिटा दो ।

मन मयूर मेरा खुशी में झूमे,
बिन सावन झूला डाले हैं।
सूंदर खबर मिली है कल ही,
मेरे साजन आने वाले है ।

-सतीश सृजन, लखनऊ.

Language: Hindi
1 Like · 83 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Satish Srijan
View all
You may also like:
*बोझ खुद को देह का ढोना पड़ेगा (हिंदी गजल/गीतिका)*
*बोझ खुद को देह का ढोना पड़ेगा (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
शहद वाला
शहद वाला
शिवांश सिंघानिया
पंछी और पेड़
पंछी और पेड़
नन्दलाल सुथार "राही"
चाहने लग गए है लोग मुझको भी थोड़ा थोड़ा,
चाहने लग गए है लोग मुझको भी थोड़ा थोड़ा,
Vishal babu (vishu)
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते है, पर उनकी बातों में विश्
कुछ लोग बात तो बहुत अच्छे कर लेते है, पर उनकी बातों में विश्
जय लगन कुमार हैप्पी
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
💐प्रेम कौतुक-395💐
💐प्रेम कौतुक-395💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
'समय का सदुपयोग'
'समय का सदुपयोग'
Godambari Negi
पहला-पहला प्यार
पहला-पहला प्यार
Shekhar Chandra Mitra
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
✍️मैं कैसे आज़ाद हूँ (??)✍️
✍️मैं कैसे आज़ाद हूँ (??)✍️
'अशांत' शेखर
‘कन्याभ्रूण’ आखिर ये हत्याएँ क्यों ?
‘कन्याभ्रूण’ आखिर ये हत्याएँ क्यों ?
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
"आज़ादी के 75 सालों में
*Author प्रणय प्रभात*
“सावधान व्हाट्सप्प मित्र ”
“सावधान व्हाट्सप्प मित्र ”
DrLakshman Jha Parimal
अपने प्रयासों को
अपने प्रयासों को
Dr fauzia Naseem shad
घर बन रहा है
घर बन रहा है
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
परिवार
परिवार
Dr Meenu Poonia
आओ अब लौट चलें वह देश ..।
आओ अब लौट चलें वह देश ..।
Buddha Prakash
प्रार्थना
प्रार्थना
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
शिक्षक और शिक्षा के साथ,
शिक्षक और शिक्षा के साथ,
Neeraj Agarwal
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी
कोई कह दे क्यों मजबूर हुए हम
कोई कह दे क्यों मजबूर हुए हम
VINOD KUMAR CHAUHAN
गुजरे वक्त के सबक से
गुजरे वक्त के सबक से
Dimpal Khari
कण कण तिरंगा हो, जनगण तिरंगा हो
कण कण तिरंगा हो, जनगण तिरंगा हो
डी. के. निवातिया
“पिया” तुम बिन
“पिया” तुम बिन
DESH RAJ
कितने फ़र्ज़?
कितने फ़र्ज़?
Shaily
जब हवाएँ तेरे शहर से होकर आती हैं।
जब हवाएँ तेरे शहर से होकर आती हैं।
Manisha Manjari
ऐसी बरसात भी होती है
ऐसी बरसात भी होती है
Surinder blackpen
अपनापन
अपनापन
विजय कुमार अग्रवाल
समय आयेगा
समय आयेगा
नूरफातिमा खातून नूरी
Loading...