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22 May 2024 · 1 min read

साकार आकार

कुछ नहीं बेमक़सद यहाँ
हर चीज़ का मक़सद यहाँ

ले जाना ही जब कुछ नहीं
क्या खोना क्या पाना यहाँ

बात अब पहले जैसी रही नहीं
क्या रूठना क्या मनाना यहाँ

कुछ नहीं रहता हमेशा को वैसे
हर चीज़ का आना जाना यहाँ

चलो पूँछ कर ही देख लें अबके
क्या पता मिल जाये ठिकाना यहाँ

बस्तियाँ के पेड़ सारे जल गये हैं
न बचा कोई पंछियों का निशाँ भी यहाँ

जो भी मिलता है हाल पूँछता है
क्या बताएँ कैसे, हमारे हालात यहाँ

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