Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Dr.Priya Soni Khare
73 Followers
Follow
Report Content
28 Jul 2024 · 1 min read
सांकल
जब से खोली
दिल की सांकल
तुम्हारे लिए
तब से
बंद कर दिए
किवाड़
जग के लिए।
Language:
Hindi
Tag:
कविता
Like
Share
4 Likes
· 42 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
Books from Dr.Priya Soni Khare
View all
सुकून
Dr. Priya Soni Khare
एक एहसास
Dr Priya Soni Khare
You may also like:
ख़ुद में खोकर ख़ुद को पा लेने का नाम ही ज़िंदगी है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शिखर के शीर्ष पर
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
कठपुतली ( #नेपाली_कविता)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
शिद्धतों से ही मिलता है रोशनी का सबब्
कवि दीपक बवेजा
आप आज शासक हैं
DrLakshman Jha Parimal
~ इंसाफ की दास्तां ~
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
"अंधविश्वास में डूबा हुआ व्यक्ति आंखों से ही अंधा नहीं होता
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
शिक्षा
इंजी. संजय श्रीवास्तव
आता है उनको मजा क्या
gurudeenverma198
अनपढ़ व्यक्ति से ज़्यादा पढ़ा लिखा व्यक्ति जातिवाद करता है आ
Anand Kumar
बैठा हूँ उस राह पर जो मेरी मंजिल नहीं
Pushpraj Anant
"सपने बिकते हैं"
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िंदगी की
Dr fauzia Naseem shad
खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
✍🏻 #ढीठ_की_शपथ
*प्रणय प्रभात*
🧟☠️अमावस की रात ☠️🧟
SPK Sachin Lodhi
यहाॅं हर इंसान मतलबी है,
Ajit Kumar "Karn"
पूरा कुनबा बैठता, खाते मिलकर धूप (कुंडलिया)
Ravi Prakash
*जिंदगी जीने का नाम है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माँ और बेटी.. दोनों एक ही आबो हवा में सींचे गए पौधे होते हैं
Shweta Soni
🔘सुविचार🔘
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
सिंदूर विवाह का प्रतीक हो सकता है
पूर्वार्थ
मिट्टी के परिधान सब,
sushil sarna
Piyush Goel - Real Life Hero
Piyush Goel
दोय चिड़कली
Rajdeep Singh Inda
दो जून की रोटी
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
जिंदगी के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
भुलाया ना जा सकेगा ये प्रेम
The_dk_poetry
बस एक प्रहार कटु वचन का - मन बर्फ हो जाए
Atul "Krishn"
3201.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...