Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2023 · 1 min read

सर्वे भवन्तु सुखिन:

यही प्रार्थना
करें हम रोज
मिल-जुलकर
रहें सारे लोग…
(१)
सभी हों सच्चे
सभी हों अच्छे
सभी सुखी हों
सभी निरोग…
(२)
जिसे हो प्यास
उसे दें पानी
जिसे हो भूख
उसे दें भोज…
(३)
धन और बल
के साथ ही
प्रेम की भी
हमें हो खोज…
(४)
कैसा घमंड
कैसा पाखंड
जब दुनिया ही
एक संयोग…
(५)
एक त्याग से
छन कर आए
हमारे जीवन
में हर भोग…
(६)
मिल-जुल कर
हम बांट लें
एक-दूजे का
दुख और सोग…
( ७)
धरती को स्वर्ग
बनाने में
हम सबका हो
एक सहयोग…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#love #bollywood #कवि #गीतकार
#prayer #liveandletlive #humanity
#lyricist #lyrics #healtheworld
#help #peace #friendship #Osho #मानवता #human #इंसानियत #बुद्ध #जीयो_और_जीने_दो #brotherhood #unity #goodwill #Being #Buddha

284 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

धार में सम्माहित हूं
धार में सम्माहित हूं
AMRESH KUMAR VERMA
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
Shweta Soni
रात के बाद सुबह का इंतजार रहता हैं।
रात के बाद सुबह का इंतजार रहता हैं।
Neeraj Agarwal
कुछ पूछना है तुमसे
कुछ पूछना है तुमसे
सोनू हंस
"" *दिनकर* "'
सुनीलानंद महंत
"जुदाई"
Priya princess panwar
दुनिया
दुनिया
ओनिका सेतिया 'अनु '
3326.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3326.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
गुब्बारे वाले बाबा
गुब्बारे वाले बाबा
Sagar Yadav Zakhmi
“कवि की कविता”
“कवि की कविता”
DrLakshman Jha Parimal
हर रोज याद आऊं,
हर रोज याद आऊं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
जो लोग धन को ही जीवन का उद्देश्य समझ बैठे है उनके जीवन का भो
Rj Anand Prajapati
निंदा और निंदक,प्रशंसा और प्रशंसक से कई गुना बेहतर है क्योंक
निंदा और निंदक,प्रशंसा और प्रशंसक से कई गुना बेहतर है क्योंक
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
बाहर मीठे बोल परिंदे..!
बाहर मीठे बोल परिंदे..!
पंकज परिंदा
# कुछ देर तो ठहर जाओ
# कुछ देर तो ठहर जाओ
Koमल कुmari
सडा फल
सडा फल
Karuna Goswami
आतें हैं जब साथ सब लोग,
आतें हैं जब साथ सब लोग,
Divakriti
मौहब्बत अक्स है तेरा इबादत तुझको करनी है ।
मौहब्बत अक्स है तेरा इबादत तुझको करनी है ।
Phool gufran
बारिश!
बारिश!
Pradeep Shoree
मेरे नयनों में जल है।
मेरे नयनों में जल है।
Kumar Kalhans
इस जहां में यारा झूठ की हुक़ूमत बहुत है,
इस जहां में यारा झूठ की हुक़ूमत बहुत है,
Shikha Mishra
हिंदुस्तान जिंदाबाद
हिंदुस्तान जिंदाबाद
Mahmood Alam
जिंदगी ढल गई डोलते रह गये
जिंदगी ढल गई डोलते रह गये
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
मैंने एक चांद को देखा
मैंने एक चांद को देखा
नेताम आर सी
आज है बेबस हर इन्सान।
आज है बेबस हर इन्सान।
श्रीकृष्ण शुक्ल
*नेता बेचारा फॅंसा, कभी जेल है बेल (कुंडलिया)*
*नेता बेचारा फॅंसा, कभी जेल है बेल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कितना छुपाऊँ, कितना लिखूँ
कितना छुपाऊँ, कितना लिखूँ
Dr. Kishan tandon kranti
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
Basant Bhagawan Roy
जिंदगी प्यार से लबरेज़ होती है।
जिंदगी प्यार से लबरेज़ होती है।
सत्य कुमार प्रेमी
कुंडलिया
कुंडलिया
गुमनाम 'बाबा'
Loading...