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16 Dec 2023 · 1 min read

*सर्दी (बाल कविता)*

सर्दी (बाल कविता)
____________________
सर्दी में सब कुछ सिकुड़ा है
पाजामा भी मुड़ा-तुड़ा है

टोपा मफलर स्वेटर चलते
दिन छोटे हैं जल्दी ढलते

अंगीठी की आग सुहाती
कंबल ढक मुनिया सो जाती
———————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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