Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Sep 2016 · 1 min read

सरस्‍वती वंदना

1
वीणापाणि नमन करूँ, धरूँ ध्‍यान निस्‍स्‍वार्थ।
यथाशक्ति सेवा करूँ, करूँ खूब परमार्थ।
करूँ खूब परमार्थ, बनें जड़बुद्धि सचेतन।
चले कलम अनवरत, न कोई हो निश्‍चेतन।
ऐसा वर दो मातु, रहें सुख से सब प्राणि।
शब्‍द ज्ञान विस्‍तार, हो सबका वीणापाणि।।

2
वर दो ऐसा शारदे, नमन करूँ ले आस।
हटे तिमिर अज्ञान का, और बढ़े विश्‍वास।
और बढ़े विश्‍वास, ज्ञान की गंगा जमुना।
बहे हवा साहित्‍य, सुधारस की किं बहुना।
कह ‘आकुल’ कविराय, मधुमयी रसना कर दो।
मिलजुल कर सब रहें, शारदे ऐसा वर दो।।

481 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Follow our official WhatsApp Channel to get all the exciting updates about our writing competitions, latest published books, author interviews and much more, directly on your phone.
Books from Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul'
View all
You may also like:
लांगुरिया
लांगुरिया
Subhash Singhai
दिव्य ज्योति मुखरित भेल ,ह्रदय जुड़ायल मन हर्षित भेल !पाबि ले
दिव्य ज्योति मुखरित भेल ,ह्रदय जुड़ायल मन हर्षित भेल !पाबि ले
DrLakshman Jha Parimal
"मकड़जाल"
Dr. Kishan tandon kranti
👌फार्मूला👌
👌फार्मूला👌
*Author प्रणय प्रभात*
ईद की दिली मुबारक बाद
ईद की दिली मुबारक बाद
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पड़े विनय को सीखना,
पड़े विनय को सीखना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
रिश्तो से जितना उलझोगे
रिश्तो से जितना उलझोगे
Harminder Kaur
जब तू रूठ जाता है
जब तू रूठ जाता है
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
तेरा एहसास
तेरा एहसास
Dr fauzia Naseem shad
जब काँटों में फूल उगा देखा
जब काँटों में फूल उगा देखा
VINOD KUMAR CHAUHAN
नरसिंह अवतार
नरसिंह अवतार
Shashi kala vyas
नारी_व्यथा
नारी_व्यथा
संजीव शुक्ल 'सचिन'
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा -राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शिव अविनाशी, शिव संयासी , शिव ही हैं शमशान निवासी।
शिव अविनाशी, शिव संयासी , शिव ही हैं शमशान निवासी।
Gouri tiwari
छोड़ चली तू छोड़ चली
छोड़ चली तू छोड़ चली
gurudeenverma198
तुम और मैं
तुम और मैं
Ram Krishan Rastogi
फ़ासला
फ़ासला
मनोज कर्ण
♥️मां पापा ♥️
♥️मां पापा ♥️
Vandna thakur
जिन्दगी तेरा फलसफा।
जिन्दगी तेरा फलसफा।
Taj Mohammad
खत उसनें खोला भी नहीं
खत उसनें खोला भी नहीं
Sonu sugandh
हमे यार देशी पिला दो किसी दिन।
हमे यार देशी पिला दो किसी दिन।
विजय कुमार नामदेव
💐प्रेम कौतुक-363💐
💐प्रेम कौतुक-363💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सम पर रहना
सम पर रहना
Punam Pande
मौसम का मिजाज़ अलबेला
मौसम का मिजाज़ अलबेला
Buddha Prakash
औरों की उम्मीदों में
औरों की उम्मीदों में
DEVSHREE PAREEK 'ARPITA'
#Dr Arun Kumar shastri
#Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
With Grit in your mind
With Grit in your mind
Dhriti Mishra
*ईख (बाल कविता)*
*ईख (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मक़रूज़ हूँ मैं
मक़रूज़ हूँ मैं
Satish Srijan
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
तुझसे कुछ नहीं चाहिये ए जिन्दगीं
Jay Dewangan
Loading...