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28 Aug 2016 · 1 min read

सरस्वती वंदना-२ | अभिषेक कुमार अम्बर

हे विरणावादिनी मईया
मेरी झोली ज्ञान से
भर दे।
सत्य सदा लिखे कलम मेरी
मुझको ऐसा वर दे।
छल दंभ पाखंड झूठ से
हमको दूर करो तुम।
मन में भर दो अविरल ज्योति
तम को दूर करो तुम।
हे शारदे मुझ पे बस तू
ये उपकार कर दे।
मेरी झोली ज्ञान से
भर दे।
न भेद जाति धर्म का हो
न ऊँचा कोई नीचा।
सब ही तेरे बच्चे हम हैं
कर्म हमारी पूजा।
मजधार में फंसी है नैया
भव से पार कर दे।
मेरी झोली ज्ञान से
भर दे।

©अभिषेक कुमार अम्बर

Language: Hindi
Tag: गीत
680 Views
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