Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2016 · 1 min read

सरस्वती वंदना : ग़ज़ल

(बह्र मजारे मुसम्मन अखरब मक्फूफ़ महजूफ
अर्क़ान: मफऊलु फाइलातु मफाईलु फाइलुन
वज्न: 221 2121 1221 212
काफ़िया: ‘आन’, रदीफ़: ‘कर’)

वंदित प्रथम गणेश हैं उनका ही मान कर.
देवी सरस्वती का मगर पहले ध्यान कर.

आसन कमल व श्वेत बसन शक्ति ब्रह्म की,
वागेश्वरी के नाम से प्रातः अजान कर.

पुस्तक व माला धारतीं हैं वीणा वादिनी,
अब लेखनी ले हाथ में उनका बखान कर.

कविता ग़ज़ल व छंद में देवी सरस्वती,
इनके सृजन श्रवण का तू पीयूष पान कर.

रहती हैं देवी ज्ञान की सत्संग हो जहाँ,
माता का करके ध्यान उसी ओर कान कर.

अर्जित किया जो ज्ञान वो माता की है कृपा,
जो भी छुपा रहा है वो सर्वस्व दान कर.

‘अम्बर’ का नत हो शीश सदा माँ के सामने,
देती हैं हम को स्नेह ये संतान जान कर.

–इंजी अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’

1 Comment · 699 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

लोगो खामोश रहो
लोगो खामोश रहो
Surinder blackpen
ज़ेहन पे जब लगाम होता है
ज़ेहन पे जब लगाम होता है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
तुम आंखें बंद कर लेना....!
तुम आंखें बंद कर लेना....!
VEDANTA PATEL
नैन (नवगीत)
नैन (नवगीत)
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
तेरे सांचे में ढलने लगी हूं।
तेरे सांचे में ढलने लगी हूं।
Seema gupta,Alwar
घर पर ध्यान कैसे शुरू करें। ~ रविकेश झा
घर पर ध्यान कैसे शुरू करें। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
मूकनायक
मूकनायक
मनोज कर्ण
*तेरी याद*
*तेरी याद*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेहमान रात के
मेहमान रात के
Godambari Negi
इकांत बहुत प्यारी चीज़ है ये आपको उससे मिलती है जिससे सच में
इकांत बहुत प्यारी चीज़ है ये आपको उससे मिलती है जिससे सच में
पूर्वार्थ
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
Holiday
Holiday
Dr. Vaishali Verma
* फागुन की मस्ती *
* फागुन की मस्ती *
surenderpal vaidya
सपनों का ताना बना बुनता जा
सपनों का ताना बना बुनता जा
goutam shaw
ना जाने क्यों?
ना जाने क्यों?
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
प्यार और नौकरी दिनो एक जैसी होती हैं,
प्यार और नौकरी दिनो एक जैसी होती हैं,
Kajal Singh
" नेतृत्व के लिए उम्र बड़ी नहीं, बल्कि सोच बड़ी होनी चाहिए"
नेताम आर सी
सब मुझे मिल गया
सब मुझे मिल गया
indu parashar
23/17.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/17.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
चुनाव
चुनाव
Lakhan Yadav
***नयनों की मार से बचा दे जरा***
***नयनों की मार से बचा दे जरा***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सब कुछ दुनिया का दुनिया में,     जाना सबको छोड़।
सब कुछ दुनिया का दुनिया में, जाना सबको छोड़।
डॉ.सीमा अग्रवाल
🚩वैराग्य
🚩वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बायण बायण म्है करूं, अवरां री नह आस।
बायण बायण म्है करूं, अवरां री नह आस।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
नालिश भी कर नहीं सकता 
नालिश भी कर नहीं सकता 
Atul "Krishn"
जिस तौर भी कट रही वो ज़िंदगी तेरे नाम पर
जिस तौर भी कट रही वो ज़िंदगी तेरे नाम पर
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
👌सांझ का दोहा👌
👌सांझ का दोहा👌
*प्रणय*
कैसे गाएँ गीत मल्हार
कैसे गाएँ गीत मल्हार
संजय कुमार संजू
अपने अच्छे कर्मों से अपने व्यक्तित्व को हम इतना निखार लें कि
अपने अच्छे कर्मों से अपने व्यक्तित्व को हम इतना निखार लें कि
Paras Nath Jha
Loading...