Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Oct 2024 · 1 min read

सरस्वती, की कहु हम

सरस्वती, की कहु हम
पवन सँ चुमैत जे धार,
सपनक लहर मे बहि जाए,
धरतीक छाती कठोर चोट,
कखनो उमंगक मौन भाषा,
आब सिसकैत एक पुकार।
सरस्वती, की कहु हम?

तोहर धार रहै कखनो,
आब मात्र एक सुखायल कथा भ’ गेल।
फूल जत’ खीलैत हल सुगंधक संग,
आब ओत’ काँटे बिखैर जाए।
तैओ कोनो पाँखुरी,
सुनहेर सपना केँ बोझ उठौने,
ककरो फूल मे खिलबा लेल तरसैए।
सरस्वती, की कहु हम?

तूँ अजय छल,
आब क्षीण, दिशाहीन।
मुदा तोहर कथा समाप्त नै,
नदीक छाती मे लहेरक धड़कन,
फेर सँ गूँजत नव दिशाक ओर।
सरस्वती, की कहु हम?

—-श्रीहर्ष —–

Language: Maithili
55 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

13 अधूरा
13 अधूरा
Kshma Urmila
42...Mutdaarik musamman saalim
42...Mutdaarik musamman saalim
sushil yadav
सारी उपमा
सारी उपमा
Priya Maithil
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
हमको इतनी आस बहुत है
हमको इतनी आस बहुत है
Dr. Alpana Suhasini
पग-पग पर हैं वर्जनाएँ....
पग-पग पर हैं वर्जनाएँ....
डॉ.सीमा अग्रवाल
फ़िक्र
फ़िक्र
Shyam Sundar Subramanian
समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place),
समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place),
Sanjay ' शून्य'
आप चाहे किसी भी धर्म को मानते हों, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता
आप चाहे किसी भी धर्म को मानते हों, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता
Jogendar singh
रात की रानी.
रात की रानी.
Heera S
हर तूफ़ान के बाद खुद को समेट कर सजाया है
हर तूफ़ान के बाद खुद को समेट कर सजाया है
Pramila sultan
वक़्त है तू
वक़्त है तू
Dr fauzia Naseem shad
वक़्त की ऐहिमियत
वक़्त की ऐहिमियत
Nitesh Chauhan
अब कौन रोज़ रोज़ ख़ुदा ढूंढे
अब कौन रोज़ रोज़ ख़ुदा ढूंढे
Ansh Srivastava
दीप जलते रहें - दीपक नीलपदम्
दीप जलते रहें - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
ईमानदारी का सबूत
ईमानदारी का सबूत
Sudhir srivastava
जब सारे फूल ! एक-एक कर झर जाएँगे तुम्हारे जीवन से पतझर की बे
जब सारे फूल ! एक-एक कर झर जाएँगे तुम्हारे जीवन से पतझर की बे
Shubham Pandey (S P)
EVERYTHING HAPPENS AS IT SHOULD
EVERYTHING HAPPENS AS IT SHOULD
पूर्वार्थ
🙅 *आप बताएं* 🙅
🙅 *आप बताएं* 🙅
*प्रणय*
दुःख का एहसास कहाँ
दुःख का एहसास कहाँ
Meera Thakur
संवेदनाओं का भव्य संसार
संवेदनाओं का भव्य संसार
Ritu Asooja
*प्यार भी अजीब है (शिव छंद )*
*प्यार भी अजीब है (शिव छंद )*
Rituraj shivem verma
महिला ने करवट बदली
महिला ने करवट बदली
C S Santoshi
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
माधव मालती (28 मात्रा ) मापनी युक्त मात्रिक
Subhash Singhai
*धन्य विवेकानंद प्रवक्ता, सत्य सनातन ज्ञान के (गीत)*
*धन्य विवेकानंद प्रवक्ता, सत्य सनातन ज्ञान के (गीत)*
Ravi Prakash
शोर
शोर
शशि कांत श्रीवास्तव
पेइंग गेस्ट
पेइंग गेस्ट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
यूँ ही राह तकता रहता हूं किसी राहगुज़र की,
यूँ ही राह तकता रहता हूं किसी राहगुज़र की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
4811.*पूर्णिका*
4811.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"नहीं देखने हैं"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...