*सरल हृदय के भावों को ले आओ (हिंदी गजल/गीतिका)*

*सरल हृदय के भावों को ले आओ (हिंदी गजल/गीतिका)*
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
हे प्रभु ! हममें सरल हृदय के भावों को ले आओ
भीतर भरी मलिनताएंँ हैं, जो-जो दूर हटाओ
(2)
उठा गर्व से मेरा मस्तक, काटो और झुकाओ
शरण तुम्हारी आया हूँ मैं, देव-देव अपनाओ
(3)
हमें स्वस्थ दो देह, हाथ-पैरों में गति को लाओ
देखें सदा-सदा आँखों से, कानों से सुनवाओ
(4)
मधुर चले यह जिहवा, इसको क्षमतावान बनाओ
जागरूक मन चेतनता, हे देव – देव बरसाओ
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451