Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Mar 2022 · 1 min read

√√सरकार तुम्हारे हाथों में (भक्ति गीत )

सरकार तुम्हारे हाथों में (भक्ति गीत )
==========================
तुम मालिक हम कठपुतली ,सरकार तुम्हारे
हाथों में
(1)
तुमने हमको जो दिया और जो नहीं दिया
आभारी
देकर जो छीन लिया ,इच्छा नतमस्तक देव
तुम्हारी
हम साँसो की चला-चली ,सरकार तुम्हारे हाथों
में
(2)
हम तो बालक हैं ,हम क्या जानें भला-बुरा क्या
होता
हम हैं अबोध-अनजान मनुज क्यों हँसता है
क्यों रोता
बुरी करो या करो भली ,सरकार तुम्हारे हाथों
में
(3)
पक्षी उड़ते हैं नील-गगन में वन में जीव
विचरते
नदिया बहती है ऊँचे पर्वत से झरने हैं झरते
हर पौधा हर फूल कली ,सरकार तुम्हारे हाथों
में
(4)
हर धड़कन पर ,हर साँस- साँस पर कड़ा तुम्हारा
पहरा
जीवन के कुल सौ वर्ष मिले या पल-भर संशय
गहरा
महाकाल विकराल बली ,सरकार तुम्हारे
हाथों में
******************************
रचयिताः रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर, उत्तर प्रदेश,
मोबाइल 99976 15451

271 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
मुखौटा!
मुखौटा!
कविता झा ‘गीत’
!! फिर तात तेरा कहलाऊँगा !!
!! फिर तात तेरा कहलाऊँगा !!
Akash Yadav
ग़ज़ल _ थोड़ा सा मुस्कुरा कर 🥰
ग़ज़ल _ थोड़ा सा मुस्कुरा कर 🥰
Neelofar Khan
किसी भी बात पर अब वो गिला करने नहीं आती
किसी भी बात पर अब वो गिला करने नहीं आती
Johnny Ahmed 'क़ैस'
गुरूता बने महान ......!
गुरूता बने महान ......!
हरवंश हृदय
मित्र
मित्र
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
कैसे तुमने यह सोच लिया
कैसे तुमने यह सोच लिया
gurudeenverma198
शब्द
शब्द
Sangeeta Beniwal
" इन्तेहाँ "
Dr. Kishan tandon kranti
वर्तमान में जितना लोग सेक्स के प्रति आकर्षित है यदि उतना ही
वर्तमान में जितना लोग सेक्स के प्रति आकर्षित है यदि उतना ही
Rj Anand Prajapati
“A little more persistence a little more effort, and what se
“A little more persistence a little more effort, and what se
पूर्वार्थ
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
Bhupendra Rawat
3456🌷 *पूर्णिका* 🌷
3456🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
सरस्वती वंदना-5
सरस्वती वंदना-5
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
बालकों के जीवन में पुस्तकों का महत्व
बालकों के जीवन में पुस्तकों का महत्व
Lokesh Sharma
प्रदाता
प्रदाता
Dinesh Kumar Gangwar
*जिसका सुंदर स्वास्थ्य जगत में, केवल वह धनवान है (हिंदी गजल)
*जिसका सुंदर स्वास्थ्य जगत में, केवल वह धनवान है (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
है बात मेरे दिल की दिल तुम पे ही आया है।
है बात मेरे दिल की दिल तुम पे ही आया है।
सत्य कुमार प्रेमी
*एक ग़ज़ल* :- ख़्वाब, फ़ुर्सत और इश़्क
*एक ग़ज़ल* :- ख़्वाब, फ़ुर्सत और इश़्क
मनोज कर्ण
//?
//?
*प्रणय प्रभात*
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
अर्थ में,अनर्थ में अंतर बहुत है
Shweta Soni
कुरीतियों पर प्रहार!
कुरीतियों पर प्रहार!
Harminder Kaur
एक चिंगारी ही काफी है शहर को जलाने के लिए
एक चिंगारी ही काफी है शहर को जलाने के लिए
कवि दीपक बवेजा
किस बात का गुमान है
किस बात का गुमान है
भरत कुमार सोलंकी
काश.......
काश.......
Faiza Tasleem
अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ
अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ
Atul "Krishn"
"मेरे देश की मिट्टी "
Pushpraj Anant
कुण्डलिया
कुण्डलिया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
¡¡¡●टीस●¡¡¡
¡¡¡●टीस●¡¡¡
Dr Manju Saini
Loading...