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10 Nov 2022 · 1 min read

*समय की मॉंग है अब यह, परस्पर प्यार भी कर लो (मुक्तक)*

*समय की मॉंग है अब यह, परस्पर प्यार भी कर लो (मुक्तक)*
_________________________
मिला जो-जो तुम्हें जिन से, उन्हें आभार भी कर लो
किया यदि स्वार्थ ही अब तक, तनिक उपकार भी कर लो
घृणा के बीज बोए हैं, जगत में शक्ति ने तम की
समय की मॉंग है अब यह, परस्पर प्यार भी कर लो
_________________________
*रचयिता : रवि प्रकाश*
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
Tag: मुक्तक
33 Views

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