Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jul 2024 · 1 min read

समय की बात है

समय की बात है
रिश्ते भी अब
रिसते लहू के मानिंद
सूख कर
काले पड़ गये

अतुल “कृष्ण”

75 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Atul "Krishn"
View all
You may also like:
सोच तो थी,
सोच तो थी,
Yogendra Chaturwedi
समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place),
समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place),
Sanjay ' शून्य'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दरवाज़े
दरवाज़े
Bodhisatva kastooriya
गोंडीयन विवाह रिवाज : लमझाना
गोंडीयन विवाह रिवाज : लमझाना
GOVIND UIKEY
👍कमाल👍
👍कमाल👍
*प्रणय*
लगाव
लगाव
Arvina
मन की परतों में छुपे ,
मन की परतों में छुपे ,
sushil sarna
इश्क इवादत
इश्क इवादत
Dr.Pratibha Prakash
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
surenderpal vaidya
*शाही दरवाजों की उपयोगिता (हास्य व्यंग्य)*
*शाही दरवाजों की उपयोगिता (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
माशा अल्लाह, तुम बहुत लाजवाब हो
gurudeenverma198
ज़ख्मों की गहराई
ज़ख्मों की गहराई
Dr. Rajeev Jain
यदि कोई आपको हमेशा डांटता है,तो इसका स्पष्ट रूप से अर्थ यही
यदि कोई आपको हमेशा डांटता है,तो इसका स्पष्ट रूप से अर्थ यही
Rj Anand Prajapati
4050.💐 *पूर्णिका* 💐
4050.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
Chaahat
कुछ नहीं बचेगा
कुछ नहीं बचेगा
Akash Agam
ଶତ୍ରୁ
ଶତ୍ରୁ
Otteri Selvakumar
बह्र 2122 2122 212 फ़ाईलातुन फ़ाईलातुन फ़ाईलुन
बह्र 2122 2122 212 फ़ाईलातुन फ़ाईलातुन फ़ाईलुन
Neelam Sharma
बीज अंकुरित अवश्य होगा
बीज अंकुरित अवश्य होगा
VINOD CHAUHAN
शीर्षक – ऐ बहती हवाएं
शीर्षक – ऐ बहती हवाएं
Sonam Puneet Dubey
"सबक"
Dr. Kishan tandon kranti
याद आते हैं
याद आते हैं
Juhi Grover
Most times, things that happen to us have the capacity to in
Most times, things that happen to us have the capacity to in
पूर्वार्थ
अफ़सोस
अफ़सोस
Shekhar Chandra Mitra
हिस्से की धूप
हिस्से की धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
चुप
चुप
Dr.Priya Soni Khare
भावुक हुए बहुत दिन हो गए
भावुक हुए बहुत दिन हो गए
Suryakant Dwivedi
Loading...