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30 Mar 2020 · 1 min read

समझ जाइये

हाल-ए-दिल की हकीकत समझ जाइये।
बिन कहे ही मुहब्बत समझ जाइये।।

कोरे कागज पे दिल की वसीयत लिखी।
आप खुद अपनी कीमत समझ जाइये।

हर किसी से तो कहना मुनासिब नहीं।
गर करूँ मैं शिकायत समझ जाइये।।

पागलों सी है हालत तेरे इश्क़ में।
आप मेरी जरूरत समझ जाइए।।

रंग लाई दुआ मिल गए तुम मुझे।
माँगी थी रब से मन्नत समझ जाइए।।

तेरी मर्ज़ी पे ठहरी है ख्वाहिश मेरी।
दीजिए अब इजाजत समझ जाइये।।

ज्योति तेरी हुई तो जहां जल गया ।
बढ़ रही है अदावत समझ जाइये।।

✍?श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव

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