समझता है सबसे बड़ा हो गया।

गज़ल
122…..122……122…..12
समझता है सबसे बड़ा हो गया।
कि इंसान खुद में खुदा हो गया।
बड़ा सबसे होने की चाहत में ही,
वो अपनों से ही अब जुदा हो गया।
हॅंसी छोड़ खुशियों के पीछे पड़ा,
नहीं कुछ मिला गमज़दा हो गया।
रहे छोड़ते काम कल पर मियां,
न कल आया जग से विदा हो गया।
किया प्यार प्रेमी से जिसने कभी,
उसे प्यार का सिलसिला हो गया।
……✍️ सत्य कुमार प्रेमी