Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2023 · 1 min read

सब अपने नसीबों का

कहने में क्या हर्ज है
कह लीजिए यह भी।
सब अपने नसीबों का
लिखा भोग रहे हैं ।।
कुछ तेरी कमी है
तो कुछ मेरी भी कमी है।
किस्तो में जो इस तरह
हम दम तोड़ रहें है ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
8 Likes · 315 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

*संसार में रहो लेकिन संसार के होकर नहीं*
*संसार में रहो लेकिन संसार के होकर नहीं*
Ravi Prakash
जब से दिल संकरे होने लगे हैं
जब से दिल संकरे होने लगे हैं
Kanchan Gupta
हर घर में जब जले दियाली ।
हर घर में जब जले दियाली ।
Buddha Prakash
*जय सियाराम राम राम राम...*
*जय सियाराम राम राम राम...*
Harminder Kaur
अर्थहीन हो गई पंक्तियां कविताओं में धार कहां है।
अर्थहीन हो गई पंक्तियां कविताओं में धार कहां है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
sp132 कली खिलेगी/ लाए हैं भाषण
sp132 कली खिलेगी/ लाए हैं भाषण
Manoj Shrivastava
यूं अपनी जुल्फों को संवारा ना करो,
यूं अपनी जुल्फों को संवारा ना करो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जय श्री राम कहेंगे
जय श्री राम कहेंगे
Harinarayan Tanha
महान व्यक्तित्व
महान व्यक्तित्व
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
आदान-प्रदान
आदान-प्रदान
Ashwani Kumar Jaiswal
इच्छा और परीक्षा
इच्छा और परीक्षा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ट्रेन संख्या १२४२४
ट्रेन संख्या १२४२४
Shashi Dhar Kumar
हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर
हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
😢आम सूचना😢
😢आम सूचना😢
*प्रणय*
खंडर इमारत
खंडर इमारत
Sakhi
हम खुद से प्यार करते हैं
हम खुद से प्यार करते हैं
ruby kumari
" कबड्डी "
Dr. Kishan tandon kranti
" अधरों पर मधु बोल "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
मानस हंस छंद
मानस हंस छंद
Subhash Singhai
डोमिन ।
डोमिन ।
Acharya Rama Nand Mandal
स्वार्थ से परे
स्वार्थ से परे
Seema gupta,Alwar
चार लोगों के चक्कर में, खुद को ना ढालो|
चार लोगों के चक्कर में, खुद को ना ढालो|
Sakshi Singh
23/220. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/220. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
- हर हाल में एक जैसे रहो -
- हर हाल में एक जैसे रहो -
bharat gehlot
कॉफ़ी हो या शाम.......
कॉफ़ी हो या शाम.......
shabina. Naaz
बेकाबू हैं धड़कनें,
बेकाबू हैं धड़कनें,
sushil sarna
दोहा निवेदन
दोहा निवेदन
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
विषय:मैं आज़ाद हूँ।
विषय:मैं आज़ाद हूँ।
Priya princess panwar
ग़ज़ल _ सवाल तुम करो कभी , जवाब बार - बार दें ।
ग़ज़ल _ सवाल तुम करो कभी , जवाब बार - बार दें ।
Neelofar Khan
बूँद बूँद याद
बूँद बूँद याद
Atul "Krishn"
Loading...