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23 Jan 2023 · 1 min read

सबकी खैर हो

रब ख़ैर करे
रब ख़ैर करे
सब ख़ैर करे
सब ख़ैर करे…
(१)
चार दिन की
जिंदगानी में
क्यों कोई किसी
से वैर करे…
(२)
कण-कण में वही
है बसा हुआ
क्यों कोई हरम और
दैर करे…
(३)
जब सबका मालिक
एक ही है
क्यों कोई सगा और
गैर करे…
(४)
दिल में स्वर्ग की
चाहत लेकर
क्यों कोई नर्क में
पैर करे…
(५)
इस रंग-बिरंगी
दुनिया का
क्यों कोई न नींद में
सैर करे…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#kabir #lyricist #song #prayers
#healtheworld #bollywood #love
#nirgun #कबीर #दुआ #प्रार्थना #गीत

Language: Hindi
88 Views
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